Hindi Story For Class 6 Students – कक्षा 6 के छात्रों के लिए हिंदी कहानी

नमस्ते, मैं इस पोस्ट में Hindi Story For Class 6 Students जोड़ रहा हूँ। मैं जानता हूं कि आप सभी को अपना कार्य पूरा करने के लिए होमवर्क मिल रहा होगा या कहानी के माध्यम से आप कुछ नया सीख सकते हैं। तो ये कहानियाँ आपके दिमाग की सोच को बढ़ाती हैं और आपको नैतिक शिक्षा भी देती हैं।

नमस्कार, Hindi Story For Class 6 Students के बारे में इस ब्लॉग पोस्ट में आपका स्वागत है! कहानियों में हमारी कल्पना को पकड़ने, हमें महत्वपूर्ण सबक सिखाने और दूर-दराज के देशों में साहसिक यात्रा पर ले जाने की शक्ति होती है। Class 6 Students के लिए, कहानियों के माध्यम से Hindi सीखना उनके भाषा कौशल के साथ-साथ पढ़ने और लिखने के प्रति उनके प्यार को विकसित करने का एक मजेदार और आकर्षक तरीका हो सकता है।

Hindi Story For Class 6

चाहे आप एक छात्र, शिक्षक या अभिभावक हों, मुझे आशा है कि यह ब्लॉग पोस्ट आपको Hindi Story For Class 6 Students की दुनिया में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा और आपको इस रोमांचक और आकर्षक शैली में खोज और विकास की अपनी यात्रा शुरू करने के लिए प्रेरित करेगा। तो आइए जानते हैं इन very short Hindi stories के बारे में।

Hindi Story For Class 6 Students – कक्षा 6 के छात्रों के लिए हिंदी कहानी
Hindi Story For Class 6 Students – कक्षा 6 के छात्रों के लिए हिंदी कहानी

Hindi Story For Class 6 Students

हाथी और उसके दोस्त की कहानी

एक समय की बात है, एक जंगल में एक हाथी रहता था। हाथी बड़ा ही उम्मीदी और दयालु था। उसके पास बहुत सारे दोस्त थे। हाथी के दोस्तों में एक खरगोश, एक कछुआ और एक बंदर भी थे।

एक दिन, जंगल में एक बड़ा सा जलस्त्रोत मिला। सभी जानवर बहुत खुश थे क्योंकि वह अब स्वतंत्रता से पानी पी सकते थे। पहले सबका पानी पूरा हो जाता था और उन्हें दूसरे जलस्त्रोत की तलाश में बहुत दूर जाना पड़ता था।

हाथी ने सबको देख कर समझा कि अब उन्हें कोई दूसरी जगह ढूंढनी पड़ेगी। हाथी ने अपने सभी दोस्तों से पूछा, “क्या हम सब मिलकर मिलकर एक अच्छी जगह की तलाश करेंगे?”

उसके दोस्त सभी सहमति से हाथी के साथ चलने को तैयार थे। सबने मिलकर मिलकर जगहों की तलाश की। कछुए ने जलस्त्रोत के पास एक बड़ी सुंदर जगह देखी। वहाँ पर पानी पर्याप्त था और सभी जानवरों के लिए जगह भी बहुत थी।

सभी जानवर मिलकर वहाँ बस गए। वहाँ पर सभी दोस्त खुश रहते थे और साथ में खेलते थे। उनका एक-दूसरे के साथ समय बिताना बहुत मजेदार था।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि सहायता और समरसता में ही सच्ची खुशी और समृद्धि है। हमेशा दूसरों की मदद करना चाहिए और साथ मिलकर काम करना चाहिए।

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जो समय के साथ न बदले कहानी

जो समय के साथ न बदले – दो शिकारी थे, उनमें से एक का नाम बिहारी लाल और दूसरे का नाम चन्दू था। दोनों में अच्छे मित्र थे।

वह एक दिन जंगल में घुमते-घुमते थक गए। मगर उन्हें कहीं भी कोई जानवर नहीं मिला। वह थक गए तो उन्हें जंगल में एक तालाब नजर आया। वे दोनों उसी तालाब के किनारे में लेट कर आराम करने लगें।

बिहारी लाल को लेटे-लेटे प्यास लगी, वह उठकर तलाब से पानी पीने चला गया। पानी पीते समय उसने देखा तालाब में बहुत सी रंग-बिरंगी मछलियां तैर रही है।

मछलियों को देख उसके मन में एक विचार आया। वह तुरंत चंदू के पास गया और बोला, भाई चंदू जल्दी उठो। चंदू सो रहा था, अचानक बिहारी लाल की बात सुन उसने अपनी आँखें खोल कर देखा। बिहारी लाल चंदू की तरफ देख मुस्कुरा रहा था।

चंदू ने बोला क्या हुआ कोई हीरे -मोती तुम्हारे हाथ लगा गया है क्या?
बिहारी लाल ने बोला पशु-पक्षियों का शिकार न मिला तो क्या हुआ जीव जंतुओं का ही शिकार सही।
अपना काम चलना चाहिए।

तुम कहना क्या चाहते हो? चंदू ने चैंककर पूछा।

कहना यह चाहता हूं कि जिस तालाब के किनारे हम लेटे हैं, उसमें मछलियां भरी पड़ी है, और हमें अब जानवरों की तलाश में जंगलों में भटकनी भी नहीं पड़ेगी।

जाल लाओं तालाब में डालों और मछलियां पकड़ कर शहर ले जा कर बेचो, पशुओं के पीछे-पीछे भागने का क्या फायदा?
चंदू ने बोला बात तो तूने लाख रूपये की कही है बिहारी लाल। परन्तु अब तो दिन ढ़ल रहा है। कल सुबह से ही मछलियां पकड़ेंगे। आज की रात इन्हें भी सो लेने दो।

बिहारी लाल ने बोला ठीक है, कल ही सही।

तालाब के किनारे कुछ तैर रही मछलियों ने इन दोनों शिकारियों की बातें सुन ली थीं। मछलियां तुरंत राजा मगरमछ के पास गई और डरी सहमी उसने कहा- हे राजन! मौत हमारे सर पर मंडरा रही हैं, आप हमारी मदद किजिए।

मगरमच्छ ने पूछा हुआ क्या? तुम मुझें साफ-साफ बोलो!

तालाब के किनारे अभी-अभी हमने दो शिकारियों की बातें सुनी हैं जो कल से हमारा शिकार करना शुरू कर देगें।

मगरमच्छ मछलियों की बातें सुन गुस्से से बोला कौन हमारा शिकार करने की सोच रहा है। हम हमारे पूर्वजों के समय से इस तालाब में हैं और हमें हमारे इस तालाब से कोई भी पकड़ हमारा व्यापार नही कर सकता।

कहां है वे दोनों शिकारी में ही उनका शिकार कर दूंगा?

ऐसे भी काफी वक्त से हमने मनुष्य की मांस नहीं खाई है। वो दोनों आज तो जान से गए।

मछलियां और मगरम़च्छ की सभा पानी के अंदर चल ही रही थीं, और बाहर बिहारी लाल और चंदू तालाब के किनारे काफी समय से लेटे थे। उन्होंने सोचा अभी शहर के लिए निकले तो सुबह होने तक वो शहर पहुंच जाएगें।

जाल खरीद कर उन्हें वापस तालाब के पास वापस भी तो आना है। मछलियां पकड़ने को यह सोच दोनों शहर कि ओर निकल गए।

मगरमच्छ जब पानी से बाहर दोनों शिकारीयों का शिकार करने आया तो वहां दोनों शिकारी को ना पा कर गुस्से में मछलियों से पूछा क्या तुमने यहीं उन दोनों की आवाज सुनी थी।

मछलियां बोली जी महाराज हो सकता है, वह जाल लाने बाजार को चला गया हो। मगरमच्छ ने बोला कोई बात नहीं उन्हें लौट कर आने दो, फिर हम उन्हें देख लेगें।

मगरमच्छ एक पेड़ के पीछे छिपकर दोनों शिकारीयों का इंतजार करने लगा। थोड़ी देर बाद दोनों दोस्त उस तालाब के पास पहुंचने ही वाले थे कि बिहारी लाल की नजर उस मगरमच्छ पड़ी। वह चंदू को धीरे से बोला भागों, भाई यहां आज हमारा शिकार करने को मगरमच्छ बैठा है।

वह दोनों जाल वहीं छोड़ अपनी जान बचा जंगल से भाग गए। इस तरह से मगरमच्छ ने सारी मछलियों की जान बचा ली।

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साहसी बकरी की कहानी

बहुत समय पहले की बात है, एक गांव में एक साहसी बकरी रहती थी। यह बकरी अपने गांव के लोगों के बीच में बहुत प्रसिद्ध थी क्योंकि इसमें बहुत ही अद्वितीय बात थी। यह बकरी हमेशा समय पर गांव के बच्चों को खाने के लिए दूध देती थी और उसका दूध अद्वितीय गुणवत्ता का होता था। इस बकरी का दूध गांववालों को स्वादिष्ट और पुष्टिकर लगता था।

गांव के एक युवक नामक लड़के की आंख पड़ी इस साहसी बकरी पर। उसने सोचा कि यदि वह इस बकरी की शक्ति को जान सकता है, तो उसका जीवन सफल हो सकता है। उसने बकरी के मालिक से पूछताछ की और उसकी बातचीत में आया कि इस बकरी की खासियत उसकी आत्म-विश्वास में छुपी है।

उस लड़के ने समझा कि आत्म-विश्वास कितना महत्वपूर्ण है। वह खुद को मजबूती से संजोकर, आत्म-समर्पण से काम करने लगा। उसने बकरी के साथ समय बिताना शुरू किया और धीरे-धीरे उसकी भावनाओं को समझना शुरू किया।

वह लड़का बकरी के साथ बिताए गए समय में बहुत कुछ सीखा। उसने देखा कि बकरी कभी नहीं हारती थी, चाहे जैसा भी परिस्थिति हो। उसकी साहसीता और आत्म-विश्वास उसे हर मुश्किल को पार करने में मदद करते थे।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि आत्म-विश्वास और साहस से हम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं। हमें कभी भी हार नहीं माननी चाहिए और हमेशा प्रयास करना चाहिए। साहस और आत्म-विश्वास से भरी हर कठिनाई को आसानी से पार किया जा सकता है।

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Hindi Story Telling For Class 6

Tower of Babel Story in Hindi – टॉवर ऑफ बाइबल स्टोरी हिंदी में

बहुत समय पहले की बात है, एक समय के गांव में लोगों का समूह एक साथ रहता था। यह लोग एक उच्चतम और महान टावर बनाने का निर्णय लेते हैं, जिससे कि वह आकाश तक पहुंच सके और उनका नाम आकाशीय शक्तियों में लिखा जा सके। यह टावर उनकी उन्नति और शक्ति का प्रतीक बनने के लिए बनाया जा रहा था।

लोगों ने मिलकर काम में लगाया और धैर्य से काम किया। जल्दी ही वे टावर की ऊँचाई में वृद्धि करने लगे। टावर की ऊँचाई बढ़ती जा रही थी और लोग खुश थे कि उनका सपना जल्दी ही पूरा हो जाएगा।

लेकिन जब वह उच्चतम ऊँचाई पहुंचे, तो एक अचानक कीर्तिमान टूट गया। लोग एक दूसरे की भाषा में बात करने लगे और समझाया नहीं जा सका कि क्या हुआ। वे सभी एक-दूसरे की भाषा में अब समझ नहीं पा रहे थे।

यह दृश्य उन्हें आश्चर्यचकित कर दिया। उन्होंने अपनी भाषा में समझाया, परन्तु अब उनकी भाषा में कोई भी समझता नहीं था। यह भयानक संघर्ष का परिणाम था।

लोग अपनी उच्चतमता की भूख में इतने लिपटे रहे कि वह अपनी मूल भाषा और संस्कृति की महत्वता को भूल गए। उन्होंने टावर की ऊँचाई की बजाय अपनी एकता की ऊँचाई को गवाने का परिणाम भुगता।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमेशा अपनी भाषा, संस्कृति, और एकता का मूल्य रखना चाहिए। अगर हम अपनी मूल्यों को भूल जाते हैं, तो हम खो देते हैं वही चीज़ जो हमें महत्वपूर्ण बनाती हैं।

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Hindi Story For Class 6 With Moral

दो सांपों की कहानी

बहुत समय पहले की बात है, एक जंगल में दो बड़े ही संजीवनी सांप रहते थे। इन सांपों का नाम अर्जुन और कृष्ण था। वे दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे और हमेशा एक-दूसरे की मदद करते थे।

एक दिन, जंगल में एक विशाल शेर आया। वह शेर बहुत ही भयानक था और जंगल के सभी जानवर उससे डरते थे। शेर ने जंगल की सुरक्षा की और अपनी राजधानी बना ली।

अर्जुन और कृष्ण ने शेर के विरुद्ध सामूहिक प्रतिक्रिया दिखाने का निश्चय किया। वे मिलकर शेर के सामने गए और उससे बोले, “हम तुमसे दोस्ती करना चाहते हैं। हम सभी जानवरों की सुरक्षा के लिए एक साथ काम कर सकते हैं।”

शेर थोड़ी देर सोचते हुए उनकी पेशेवरता को स्वीकार कर ली। इसके बाद, तीनों मिलकर जंगल की सुरक्षा के लिए संकल्पित हो गए।

जंगल के जानवर अब शेर के भय से मुक्त रहने लगे। अर्जुन, कृष्ण और शेर साथ मिलकर जंगल की सुरक्षा करते रहे। उनकी एकता, संघर्ष और सहयोग ने उन्हें हर मुश्किल को पार करने में मदद की और जंगल की शांति बनाए रखी।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि एकता में शक्ति होती है। जब लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करते हैं, तो वे हर मुश्किल को पार कर सकते हैं और समृद्धि की ओर बढ़ सकते हैं।

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Short Hindi Story For Class 6

राजा और मूर्ख बंदर की कहानी

एक समय की बात है, एक गांव में एक बड़ा ही समझदार राजा रहता था। उसका दरबार बहुत प्रसिद्ध था क्योंकि राजा बुद्धिमान और न्यायप्रिय था।

एक दिन, एक मूर्ख बंदर गांव के पास आया। यह बंदर बहुत ही नासमझ था और उसकी हरकतें अजीब थीं। बंदर ने गांव के लोगों को परेशान किया, खाने के लिए चोरी की और हर जगह अफसोस फैलाया।

राजा ने बंदर की बर्बादी के बारे में सुना और उसे अपने सामने बुलवाया। बंदर आया और राजा के सामने हंसते हुए खड़ा हो गया।

राजा ने पूछा, “तुम क्यों इतना नासमझ हो? क्या तुम नहीं जानते कि तुम्हारी हरकतें गलत हैं?”

बंदर हंसते हुए बोला, “राजा, मैं एक बंदर हूँ, मेरी तो समझ ही कुछ नहीं है। मैं जो भी करता हूँ, वह मेरी प्राकृतिकता है।”

राजा ने मुस्कराया और बंदर से कहा, “तुम्हारी प्राकृतिकता से तुम्हारी जिम्मेदारी नहीं मिटती। जिम्मेदारी और न्याय समझना ही हमारी अद्भुति है। तुम अपनी हरकतों पर नियंत्रण रखो और सीखो कैसे सही और गलत का फर्क समझना है।”

बंदर ने राजा की बातों को समझा और समझदार बनने का संकल्प किया। उसने अपनी हरकतों पर नियंत्रण पाया और अब वह गांव में शांति और समृद्धि के साथ रहता था।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हर चीज़ का समय आता है। हमेशा सही और गलत की पहचान करना और उसके अनुसार आचरण करना हमें सही मार्ग पर ले जाता है।

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Gautam Buddha Moral Stories in Hindi For Class 6

गौतम बुद्ध की शिक्षाप्रद कहानी: धर्म का मार्ग

बहुत समय पहले की बात है, गौतम बुद्ध एक समय एक गांव में गए। वह गांव के लोगों को धर्म और शांति के मार्ग की बात करने लगे।

एक दिन, एक व्यक्ति ने बुद्ध से पूछा, “मुझे धर्म का सही मार्ग दिखाइए।”

गौतम बुद्ध ने हंसते हुए कहा, “अगर तुम सच्ची शांति और सुख चाहते हो, तो क्रोध को नष्ट करो, सहनशीलता का पालन करो, और सभी जीवों के प्रति करुणा धारण करो।”

उस व्यक्ति ने समझा कि धर्म का मार्ग उसकी आत्मा की शांति में है। उसने गौतम बुद्ध की सीख पर चलने का निश्चय किया और उसने अपने जीवन को धार्मिक बनाया।

गौतम बुद्ध की शिक्षाप्रद कहानी: दया और करुणा

एक बार गौतम बुद्ध एक वन में बैठे हुए थे। उनके सामने एक प्राणी आया जो बहुत बुरी तरह से घायल था। वह प्राणी गौतम बुद्ध के पास आकर गिर गया और बेहद दर्द भरे आवाज़ में पुकारते हुए अपनी स्थिति बताई।

गौतम बुद्ध ने प्राणी की समस्या को समझते हुए उसकी घायली हुई जगहों पर ब्यान किया और उसकी चिकित्सा की। वह प्राणी ठीक हो गया और उसने गौतम बुद्ध की दया और करुणा को देखकर उनके चरणों में शरण ली।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि दया और करुणा का हमारे जीवन में महत्व है। हमें दूसरों की तकलीफ़ों को समझना और उनकी मदद करना चाहिए। यह हमें सहानुभूति और संवेदनशीलता की ओर ले जाता है, जो एक समृद्ध और समाजशील जीवन की ओर पहुँचाता है।

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मधुमक्खी और जंगल की कहानी

एक समय की बात है, एक सुंदर जंगल में एक मधुमक्खी रहती थी। वह जंगल की सबसे मेहनती मधुमक्खी थी। वह हमेशा फूलों से नेकर अपनी मधु बनाने की कोशिश करती रहती थी। उसकी मेहनत से जंगल में सुख-शांति का वातावरण बना रहता था।

एक दिन, जंगल की दूसरी जानवरों ने उसे देखा और उसकी मेहनत की सराहना की। वह सबसे पहले उसकी ईमानदारी की तारीफ करने आए थे।

एक दिन, जब मधुमक्खी अपने बंदर मित्र संग बातचीत कर रही थी, तभी वह एक बच्चा बंदर उसकी ओर देखकर आया। उसके हाथ में एक बड़ा सा तोता था। बच्चा बंदर अपने तोते को दिखाते हुए मधुमक्खी से बोला, “तुम्हारी मेहनत से बनी मधु बहुत स्वादिष्ट है। मैंने भी एक प्यारा सा तोता पाला है, आओ मेरे साथ मधु सबके साथ बाँटें।”

मधुमक्खी ने मुस्कराते हुए कहा, “धन्यवाद तुम्हारी प्रस्तुति के लिए, लेकिन मैं यह नहीं कर सकती। मेरी मेहनत से प्राप्त मधु केवल मेरी जिम्मेदारी और मेरा संपत्ति है।”

बच्चा बंदर हैरान होकर पूछा, “लेकिन तुम्हारे पास इतना सारा मधु है, उसे अगर तुम सबके साथ बाँटोगी तो सब खुश होंगे।”

मधुमक्खी हंसते हुए उत्तर दी, “सच्चाई यह है कि मेरी मेहनत से बना मधु मेरी जिम्मेदारी है, लेकिन यह भी सच है कि सब कुछ सिर्फ मेरी मेहनत की वजह से है। इसलिए मैं उसे सबके साथ बाँटने की बजाय, उसे समझदारी से संभालती हूँ, ताकि मेरे संपत्ति का सही उपयोग हो सके।”

बच्चा बंदर समझ गया कि मधुमक्खी की सोच सही है। वह उसकी समझदारी को सराहते हुए वहाँ से चला गया।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि मेहनत, समझदारी और संज्ञानशीलता से प्राप्त संपत्ति का सही उपयोग करना चाहिए। इसके लिए हमें अपनी जिम्मेदारियों का पालन करना चाहिए और संपत्ति का सही उपयोग करना चाहिए।

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निष्कर्ष

अंत में, Hindi story for Class 6 students भाषा कौशल विकसित करने और पढ़ने और लिखने के प्रति प्रेम को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण और मूल्यवान उपकरण है। अपनी सरल भाषा और आकर्षक विषयों के साथ, ये कहानियाँ उन युवा शिक्षार्थियों के लिए बिल्कुल उपयुक्त हैं जो अभी हिंदी की दुनिया की खोज शुरू कर रहे हैं।

चाहे वे ‘लालची सियार’ जैसी क्लासिक कहानियों की खोज कर रहे हों या अपनी कल्पनाओं में नए रोमांच की खोज कर रहे हों, कक्षा 6 के छात्रों को Hindi में कहानियों के माध्यम से बढ़ने और सीखने के कई अवसर मिलेंगे। जैसे ही आप इस ब्लॉग पोस्ट के अंत तक पहुँचते हैं, मुझे आशा है कि आप इस रोमांचक और मनोरम शैली में खोज की अपनी यात्रा शुरू करने के लिए प्रेरित और प्रेरित महसूस करेंगे। पढ़ने के लिए आपका शुक्रिया!

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Ankita Tiwari की जीवनी: मेरा नाम Ankita Tiwari है और मैं एक रुचिकर व्यक्ति हूँ जो हिंदी साहित्य, कविता, और कहानियों के क्षेत्र में रूचि रखती हूँ। मैं अपने ब्लॉग Gktrickhindi.in पर अपनी एवं पर्सिद वक्तियो रचनाएँ साझा करती हूँ ताकि लोग इससे प्रासंगिक और मनोहर ज्ञान प्राप्त कर सकें। मेरी शिक्षा का क्षेत्र 2012 में आर्ट्स में स्नातक किया गया था, और मैंने इस योग्यता को हाजीपुर, बिहार स्थित 'RN College' से प्राप्त की थी। इस समय से मैंने अपनी रचनाएँ साझा करने का कार्य शुरू किया है और इसके माध्यम से भाषा, साहित्य, और सांस्कृतिक बातचीत को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही हूँ। मुझे कहानी लिखने और पढ़ने में बहुत मजा आता है, और मैं इसे अपनी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानती हूँ। मैं यहाँ तक कि हिंदी साहित्य को बढ़ावा देने के लिए उत्सुक हूँ और लोगों को इस क्षेत्र में रुचि लेने के लिए प्रेरित करना चाहती हूँ। धन्यवाद।

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