एक समय की बात है, कहीं दक्षिण में, एक गहरे जंगल में अजीब घटनाएँ होने लगीं। लोग वहाँ के जंगल को भूतिया मानने लगे। जंगल में अनजाने और भयानक आवाजें सुनाई देने लगीं, जिसे सुनकर लोग घबरा जाते थे।
एक दिन, एक बहादुर युवक नामक विक्रांत नामक गांववाला जंगल में की खोज में निकला। वह नाम से ही अपने गांव के लोगों की भलाई के लिए प्रसिद्ध था। वह निरंतर जंगल में घूमते हुए अचानक एक विशाल और पुराना मंदिर देखा। मंदिर की दीवारों पर अजीब सी चित्रित चित्रे थे। वह धीरे-धीरे मंदिर के अंदर चला गया।
मंदिर के अंदर, वह देखा कि कुछ लोग वहाँ पर पुरानी पुस्तकें पढ़ रहे थे। वह जानने के लिए पुस्तकें कहां से आईं थीं। उन लोगों ने बताया कि यह पुस्तकें जंगल के पुराने राजा के गुप्त संग्रहण में से हैं, जिसमें जंगल के रहस्यमय और रहस्यपूर्ण घटनाओं का वर्णन था।
विक्रांत ने पुस्तकों को पढ़ते हुए जाना कि जंगल में कई सालों से एक भूतिया आत्मा बसी हुई थी। वह आत्मा अपने अत्याचारी पूर्व राजा की आत्मा थी, जो अपनी दुर्भाग्यशाली मृत्यु के बाद भी जंगल में फंसी हुई थी। उसने अपने विशाल शक्ति से जंगल के प्राकृतिक तत्वों को नियंत्रित किया था, जिससे वह जंगल में डरावने घटनाओं का कारण बन गई थी।
विक्रांत ने आत्मा से मिलकर उसकी कथा सुनी और उससे विनती की कि वह अब शांति से आत्मा को मोक्ष प्राप्त करने की अनुमति दे। उस आत्मा ने विक्रांत की बात मानी और शांति प्राप्त करने के बाद जंगल में फिर से शांति और सुरक्षा का वातावरण बना।
इसके बाद, जंगल के भूतियापन की कहानी सारे गांव में फैल गई। लोग अब जंगल में नहीं डरते थे, क्योंकि उन्हें पता था कि वह अब सुरक्षित हैं। इस कहानी से सभी लोग सीखे कि भूतिया चीजों के पीछे कभी-कभी वास्तविकता छुपी होती है और हमें खुद को निर्भीक रूप में प्रस्थान करना चाहिए।
भूतिया जंगल की कहानी
Story of haunted forest
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गांव में एक बच्चा रहता था जिसका नाम रवि था। रवि बहुत ही जिज्ञासु और नेक बच्चा था। एक दिन, उसके दोस्तों ने उसे भूतिया जंगल के बारे में सुनाया। उनके दोस्त कहते थे कि जंगल में रात को अजीब-अजीब आवाजें सुनाई देती हैं और वहाँ रहने वाले लोगों का पता नहीं चलता।
रवि ने उसी रात जंगल की ओर प्रस्थित होने का निश्चय किया। उसने अपने सबसे अच्छे दोस्त, सुनील, को साथ लेने का निर्णय किया। सुनील भी रवि के साथ जंगल की ओर निकला। जब वे जंगल पहुंचे, तो वहां की रात की सन्नाटा और अंधेरे में भयंकर लगता था।
वे धीरे-धीरे आगे बढ़ते गए। चंदनी रात में जंगल का माहौल और भी डरावना लगने लगा। तभी एक अचानक से कोई अजीब सी आवाज सुनाई दी। रवि और सुनील दोनों ही डर के मारे अचानक चिल्लाए।
“कौन है वहां?” रवि डर से पूछा।
उनकी आवाज का जवाब कोई नहीं दिया। पर थोड़ी देर बाद, वे दोनों देखते हैं कि एक पुराना मंदिर है जहां से आवाज आ रही है। वे मंदिर की ओर बढ़ते हैं और देखते हैं कि वहां एक पुराना बाबा बैठा हुआ है।
बाबा ने रवि और सुनील से कहा, “मुझे पहले से ही ज्ञान है कि आज की रात किसी विशेष चीज़ की प्रकटि होने वाली है। तुम लोग नहीं डरो, क्योंकि यह सचमुच भूतिया जंगल नहीं है। यहाँ की विशेषता है कि यहाँ की शांति और तीर्थ का आत्मा पवित्र है।”
रवि और सुनील ने बाबा की बातों में विश्वास किया और वहां ठहरा गए। उन्होंने देखा कि वह रात के समय में वहां की विशाल और हरित वन्यजीवन का आनंद लेते हैं। जंगल में उन्हें डर की बजाय शांति की अनुभूति हुई।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि कभी-कभी हमारी भयभीति हमें वहाँ की अद्वितीयता और सुंदरता का आनंद नहीं लेने देती है। हमें खुद को खोलने की आवश्यकता होती है ताकि हम नई और महत्वपूर्ण अनुभव प्राप्त कर सकें।
भूतिया जंगल की कहानी हिंदी में
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