भूतिया रेलवे स्टेशन कहानी हिंदी में – Bhootiya railway station kahani

भूतिया रेलवे स्टेशन – Bhootiya railway station kahani: एक अकेला रेलवे स्टेशन जहाँ रात्रि में अजीब रूप में भूतिया महसूस होता है और लोगों को डरावने सपने आते हैं।

भूतिया रेलवे स्टेशन की बात की जाए, तो यह किसी रोमांचक कहानी की शुरुआत की तरह है। यह अजीब और भूतिया स्थान रेलवे लाइन के किनारे स्थित है, जहाँ रात्रि के समय अजीब महसूस होता है। लोग इस स्टेशन के पास से गुजरते हैं तो कई बार वहाँ से अजीब सी आवाज़ें सुनते हैं, जो उन्हें डरावने महसूस कराती हैं।

रात के समय जब अंधेरा छा जाता है, तो भूतिया रेलवे स्टेशन और भी डरावना लगता है। लोग कहते हैं कि वहाँ अजीब प्रकार की रौनक होती है, जैसे कि रेलवे प्लेटफ़ॉर्म पर अचानक हवा चलना, ट्रेन की आवाज़ें सुनाई देना, और कभी-कभी वहाँ कुछ अनजाने चेहरे दिखाई देना। यह सब चीज़ें लोगों को डरावने सपनों की ओर ले जाती हैं।

यह स्थान भूतिया होने के साथ-साथ हिंसक भी है, जिसके कारण लोग रात्रि में इस स्थान से दूर रहने की कोशिश करते हैं। इस अजीब महसूस की वजह से भूतिया रेलवे स्टेशन के बारे में कई किस्से और भूतिया अनुभव हो चुके हैं, जो इस स्थान को रहस्यमय बनाते हैं।

भूतिया रेलवे स्टेशन कहानी हिंदी में – Bhootiya railway station kahani
भूतिया रेलवे स्टेशन कहानी हिंदी में – Bhootiya railway station kahani

भूतिया रेलवे स्टेशन कहानी

Bhootiya railway station kahani

एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में भूतिया रेलवे स्टेशन था। यह स्टेशन बहुत ही पुराना था और वहाँ के लोग सुनते थे कि रात्रि के समय वहाँ अजीब-अजीब आवाजें सुनाई देती थी। लेकिन कोई नहीं जानता था कि यह सब क्यों हो रहा था।

गांव में एक बच्चा था जिसका नाम अर्जुन था। अर्जुन बहुत ही निर्भीक और साहसी बच्चा था। एक दिन, उसने अपने दोस्त संजय के साथ मिलकर फैसला किया कि वे रात्रि के समय स्टेशन पर जाकर देखेंगे कि यह सब सच है या नहीं।

रात के समय, जब सभी लोग सो गए थे, अर्जुन और संजय स्टेशन की ओर बढ़े। स्टेशन पहुंचते ही उन्होंने अचानक अजीब आवाजें सुनी। धीरे-धीरे वे उस आवाज की ओर बढ़ते चले गए।

जब वे स्टेशन की एक पुरानी कमरे में पहुंचे, तो वहाँ उन्हें एक पुराना रेलवे कर्मचारी मिला। वह कर्मचारी उन्हें बताया कि यह स्टेशन कभी बहुत ही सक्रिय था और यहाँ से बहुत सारी ट्रेनें जाती-आती थीं। लेकिन एक दिन एक भयानक रेल हादसा हो गया जिसमें कई लोगों की मौत हो गई। उस हादसे के बाद से यह स्टेशन भूतिया हो गया था।

अर्जुन और संजय ने उस कर्मचारी से बात की और उनसे यह कहा कि वह उस स्थान की सच्चाई सबको बताएं ताकि लोग भय में ना रहें। कर्मचारी ने सहमति दी और उनकी मदद से वह भूतिया स्टेशन पुनः सक्रिय हुआ। लोगों की भयानक बातें सुनकर, सब लोग सावधान रहने लगे और स्टेशन पर फिर से जिंदगी लाने का प्रयास करने लगे।

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Ankita Tiwari की जीवनी: मेरा नाम Ankita Tiwari है और मैं एक रुचिकर व्यक्ति हूँ जो हिंदी साहित्य, कविता, और कहानियों के क्षेत्र में रूचि रखती हूँ। मैं अपने ब्लॉग Gktrickhindi.in पर अपनी एवं पर्सिद वक्तियो रचनाएँ साझा करती हूँ ताकि लोग इससे प्रासंगिक और मनोहर ज्ञान प्राप्त कर सकें। मेरी शिक्षा का क्षेत्र 2012 में आर्ट्स में स्नातक किया गया था, और मैंने इस योग्यता को हाजीपुर, बिहार स्थित 'RN College' से प्राप्त की थी। इस समय से मैंने अपनी रचनाएँ साझा करने का कार्य शुरू किया है और इसके माध्यम से भाषा, साहित्य, और सांस्कृतिक बातचीत को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही हूँ। मुझे कहानी लिखने और पढ़ने में बहुत मजा आता है, और मैं इसे अपनी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानती हूँ। मैं यहाँ तक कि हिंदी साहित्य को बढ़ावा देने के लिए उत्सुक हूँ और लोगों को इस क्षेत्र में रुचि लेने के लिए प्रेरित करना चाहती हूँ। धन्यवाद।

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