इस लेख में हमारे पास 2023 में दीपावली पर लिखी गई हिंदी भाषा की छोटी कविताओं का एक बड़ा संग्रह है। Happy Diwali Poem in Hindi अपने दोस्तों, परिवार और प्रियजनों को अपनी भावनाओं को पहुँचाने का सबसे अच्छा तरीका है। दीपावली या दिवाली निश्चित रूप से सभी हिन्दू त्योहारों में से सबसे बड़ा और सबसे उज्ज्वल है। यह दिन प्रकाश की जीत का प्रतीक है। इस साल दीपावली (2023) 12 नवंबर को है। अगर आप Happy Diwali Poems Hindi Collection की खोज कर रहे हैं तो आप सही जगह पर हैं, यहाँ आपको बच्चों और बच्चियों के लिए विशेष Happy Diwali Kavita मिलेंगी, हैप्पी दिवाली कविता हिंदी में, दीपावली कविताएँ, दीपावली कविता, हार्ट टचिंग दीपावली कविता, प्रेरणादायक दीपावली पर कविताएँ हिंदी में, हैप्पी दीपावली शुभकामना कविताएँ और बहुत कुछ। आपको शुभ दीपावली 2023 की शुभकामनाएँ
Happy Diwali Poem in Hindi
दिवाली पर्व पर हिंदी कविता
आई दिवाली ख़ुशी मनायेंगे,
मिलजुल यह त्यौहार मनायेंगे..।
चोदह साल काटा वनवास,
राम जी आये भक्तों के पास,
खुशियों के दीप जलायेंगे,
आई दिवाली ख़ुशी मनायेंगे।
दिल से सारे वैर भूला कर,
इक-दूजे को गले लगाकर,
सब शिकवे दूर भगायेंगे,
आई दिवाली ख़ुशी मनायेंगे।
चल रहे है बम्ब-पटाखे,
शोर मचाते धूम-धड़ाके,
संग सब के ख़ुशी मनायेंगे.
आई दिवाली ख़ुशी मनायेंगे।
दिवाली के त्योहार पर हिंदी कविता
दीवाली क़ा त्यौहार आया,
साथ मे खुशियो की ब़हार लाया।
दीपकों की सज़ी हैं क़तार,
जग़मगा रहा हैं पूरा सन्सार।
अन्धकार पर प्रकाश क़ी विज़य लाया,
दीवाली का त्यौहार आया।
सुख़-समृद्धि की ब़हार लाया,
भाईचारें का सन्देश लाया।
बाजारो मे रौनक छाईं,
दीवाली क़ा त्यौहार आया।
किसानो के मुहं पर खुशी क़ी लाली आई,
सब़के घर फिर सें लौट आईं खुशियो क़ी रौनक़।
दीवाली क़ा त्यौहार आया,
साथ मे खुशियो की ब़हार लाया।
Short Diwali Poem in Hindi
आई रे आई जगमगाती रात है आई
दीपों से सजी टिमटिमाती बारात हैं आई
हर तरफ है हंसी ठिठोले
रंग-बिरंगे, जग-मग शोले
परिवार को बांधे हर त्यौहार
खुशियों की छाए जीवन में बहार
सबके लिए हैं मनचाहे उपहार
मीठे मीठे स्वादिष्ट पकवान
कराता सबका मिलन हर साल
दीपावली का पर्व सबसे महान
आई रे आई जगमगाती रात है आई..
दिवाली के त्योहार पर हिंदी कविता
दीपो से महके संसार
फुलझड़ियो की हो झलकार
रंग-बिरंगा है आकाश
दीपों की जगमग से आज
हँसते चेहरे हर कहीं
दिखते है प्यारे-प्यारे से
दीवाली के इस शुभ दिन पर
दीपक लगते है प्यारे से |
मुन्ना- मुन्नी गुड्डू-गुड्डी ,
सबके मन में है हसी-ख़ुशी
बर्फी पेठे गुलाब जामुन पर
देखो सबकी नज़र गड़ी
बजते बम रोकेट अनार पटाखे |
दिखते है प्यारे-प्यारे से
दीवाली के इस शुभ-दिन पर
दीपक लगते है प्यारे से |
मन में ख़ुशी दमकती है
होठो से दुआ निकलती है
इस प्यारे से त्यौहार में
आखें ख़ुशी से झलकती है
आओ मिलकर अब हम बाटें
हँसी-ख़ुशी हर चेहरे में
दीवाली के इस शुभ-दिन पर
दीपक लगते है प्यारे से |
दिवाली की सजावट पर हिंदी कविता
आयी है दीवाली देखो,
आयी है दिवाली।
ले के जीवन में खुशहाली,
आयी है दिवाली।
घर-आँगन में है रौनक,
और चारों ओर रंगोली से सजावट।
दियो से सज गयी है चौखटे,
रंगीन हो गयी हैं झालरों से दीवारें।
मन में हर्ष और उल्लास फैलाने,
आयी है दिवाली।
ख़ुशियों ने दी है आहटें,
रौशनी से रौशन है सब।
चारों ओर फैली है जगमगाहट
पटाखों की गूँज से।
आसमाँ भी हो गया है रौशन
आयी है दिवाली देखो,
आयी है दिवाली।
दिवाली पर्व पर हिंदी कविता
दीप जलाओ दीप जलाओ
आज दिवाली रे |
खुशी-खुशी सब हँसते आओ
आज दिवाली रे।
मैं तो लूँगा खील-खिलौने
तुम भी लेना भाई
नाचो गाओ खुशी मनाओ
आज दिवाली आई।
आज पटाखे खूब चलाओ
आज दिवाली रे
दीप जलाओ दीप जलाओ
आज दिवाली रे।
नए-नए मैं कपड़े पहनूँ
खाऊँ खूब मिठाई
हाथ जोड़कर पूजा कर लूँ
आज दिवाली आई।
जंगल में दीपावली पर हास्य कविता
जंगल में मन रही दिवाली
कितनी सुंदर बड़ी निराली।
शेरु राजा ने मांदों पर
टाँगी झालर दीप जलाए
और शेरनी ने भी सबको
खील-बताशे खूब खिलाए
हाथी दादा ने लड्डू की
पूरी थाली चट कर डाली।
जंगल में मन रही दिवाली।।
मीकू बंदर डाली पर चढ़
चला रहा देखो फुलझड़ियाँ
लोमड़ ने भोंदू की दुम में
बाँध जला दी बम की लड़ियाँ
भोंदू भागा फिरता डरकर
ढेंचू-ढेंचू देकर गाली।
जंगल में मन रही दिवाली।।
-निशेष जार
दिवाली पर हिंदी कविता
बाँध रोशनी की गठरी
फिर आई दीवाली।।
पूरी रात चले हम
लेकिन मंज़िल नहीं मिली
लौट-फेर आ गए वहीं
पगडंडी थी नकली
सफर गाँव का और
अँधेरे की चादर काली।
बाँध रोशनी की गठरी
फिर आई दीवाली।।
ताल ठोंक कर तम के दानव
कितने खड़े हुए
नन्हें दीप जुटाकर साहस
कब से अड़े हुए
हवा, समय का फेर समझकर
बजा रही ताली।
बाँध रोशनी की गठरी
फिर आई दीवाली।।
लक्ष्य हेतु जो चला कारवाँ
कितने भेद हुए
रामराज की बातें सुन-सुन
बाल सफ़ेद हुए
ज्वार ज्योति का उठे
प्रतीक्षा दिग-दिगंत वाली।
बाँध रोशनी की गठरी
फिर आई दीवाली।।
लड़ते-लड़ते दीप अगर
तम से, थक जाएगा
जुगुनू है तैयार, अँधेरे से
भिड़ जाएगा
विहंसा व्योम देख दीपक की
अद्भुत रख वाली।
बाँध रोशनी की गठरी
फिर आई दीवाली।।
-डॉ. जगदीश व्योम
दिवाली के दीप पर कविता
दिवाली त्योहार दीप का,
मिलकर दीप जलाएंगे।
सजा रंगोली से आंगन को,
सबका मन हर्षाएंगे।
बम-पटाखे भी फोड़ेंगे,
खूब मिठाई खाएंगे।
दिवाली त्योहार मिलन का,
घर-घर मिलने जाएंगे।
दिवाली पर बाल कविता
दीपों की सुंदर पंक्ति में,
लगी एक पंक्ति बच्चों की।
सुंदर-सुंदर दीप जले थे,
बच्चे भी लग रहे खिले थे।
पूरे घर पर सजी थी माला,
खुशियों का भर गया उजाला
जगमग-जगमग जग था सारा,
दिवाली त्योहार है प्यारा।
-निधि यादव
Encouragement Diwali Poetry
आँखों से आँखों में मोहब्बत के दीये जलाना
झिलमिल-झिलमिल दीपों सा हिल-मिल के खुशी मनाना
कहीं ज्ञान का कही विज्ञान का रोशनी बीखेर
अँधेरा अदंर हो या बाहर तुम प्रेम से दीये जलाना
चाँद सूरज काफी नही है जग का तम हरने को
भर-भर मुट्ठी मशाल कोने -कोने पे जलाना
खंडहर हो या आलीशान महलें भेद-भाव न कर
अँधेरा रास न आया कीसी को तू हर जगह दीप जलाना
ये क्या बात हुई दिवाली में ही सिर्फ दीये जले
मकसद तमस मिटाना है तू वजह-बेवजह दीप जलाना
बुझे नही ज़िंदगी का चिराग किसी आंधी-तूफान से
गम और निराशा की कही कालिमा न रहे तू इतना दीप जलाना
– सुनील कुमार ’सोनू’
Beautiful Diwali Poem for Messages
आओ मिलकर दीप जलाएं
अँधेरा धरा से दूर भगाएं
रह न जाय अँधेरा कहीं घर का कोई सूना कोना
सदा ऐसा कोई दीप जलाते रहना
हर घर -आँगन में रंगोली सजाएं
आओ मिलकर दीप जलाएं.
हर दिन जीते अपनों के लिए
कभी दूसरों के लिए भी जी कर देखें
हर दिन अपने लिए रोशनी तलाशें
एक दिन दीप सा रोशन होकर देखें
दीप सा हरदम उजियारा फैलाएं
आओ मिलकर दीप जलाएं.
भेदभाव, ऊँच -नीच की दीवार ढहाकर
आपस में सब मिलजुल पग बढायें
पर सेवा का संकल्प लेकर मन में
जहाँ से नफरत की दीवार ढहायें
सर्वहित संकल्प का थाल सजाएँ
आओ मिलकर दीप जलाएं
अँधेरा धरा से दूर भगाएं.
– कविता रावत
Heart Touching Kavita on Diwali
आज एक वर मांगता हूँ मैं तो अपने राम से,
दीप को प्रज्वलित कर दो आप अपने नाम से.
पाप का अँधेरा मिटे,
और शान्ति का साम्राज्य हो.
बंद हो जाए लड़ाई मजहबों के नाम से.
आज एक वर मांगता हूँ मैं तो अपने राम से,
दीपक जले फ़िर प्रेम का,
सौहार्द की हो रोशनी.
चलने लगे फ़िर से ये दुनिया राम के आदर्श पे.
राम के आदर्श पे धरती बने फ़िर स्वर्ग सी.
कहे कवि “मेजर” ये दुनिया है तेरे एहसान से.
आज एक वर मांगता हूँ मैं तो अपने राम से,
दीप को प्रज्वलित कर दो आप अपने नाम से.
– जीतेन्द्र कुमार तिवारी ” मेजर”
Diwali Poems in Hindi
दिवाली के दीपक जगमगाये आपके आँगन में
सात रंग सजे इस साल आपके आँगन में
आया है ये त्यौहार खुशियाँ लेके
हर खुशी सजे इस साल आपके आँगन में
रोशनी से हो रोशन हर लम्हा आपका
हर रोशनी सजे इस साल आपके आँगन में
दुआ हम करते है आप सलामत रहे
हर दुआ सजे इस साल आपके आँगन में
हैप्पी दिवाली 2023
Inspirational Diwali Poem in Hindi
एक दिया ऐसा भी हो,
जो भीतर तलक प्रकाश करे,
एक दिया मुर्दा जीवन में
फिर आकर क़ुछ श्वास भरे
एक दिया सादा हो इतना,
जैसे सरल साधु का जीवन,
एक दिया इतना सुन्दर हो,
जैसे देवों का उपवन
एक दिया जो भेद मिटाये,
क्या तेरा -क्या मेरा है,
एक दिया जो याद दिलाये,
हर रात के बाद सवेरा है
एक दिया उनकी खातिर हो,
जिनके घर में दिया नहीं ,
एक दिया उन बेचारों का,
जिनको घर ही दिया नहीं
एक दिया सीमा के रक्षक,
अपने वीर जवानों का
एक दिया मानवता – रक्षक,
चंद बचे इंसानों का !
एक दिया विश्वास दे उनको ,
जिनकी हिम्मत टूट गयी ,
एक दिया उस राह में भी हो ,
जो कल पीछे छूट गयी
एक दिया जो अंधकार का ,
जड़ के साथ विनाश करे ,
एक दिया ऐसा भी हो ,
जो भीतर तलक प्रकाश करे। …
आपको प्रकाशोत्सव
“दीपावली ” की हार्दिक -शुभकामना
Hindi Poems On Diwali in Hindi Characters
अपने घर को तो हमने
चिरागों से रौशन कर दिया
दिये जलाएं ढेरों
और अमावस का सारा तम
पल भर में हर लिया।
माँ लक्ष्मी के स्वागत की
सारी तैयारी कर ली
मिठाई और मेवों से
पूजा की थालियाँ भर ली।
छोड़े ढ़ेर सारे पटाखे
और फुलझड़ियाँ
दोस्तों और रिश्तेदारों को दी
ढ़ेरों बधाईयाँ।
कर दी मीठे पकवानों की
थालियाँ खाली
लो मन गयी हमारी
एक और दिवाली।
पर ना जाने कितने घर हैं
जहाँ आज भी दिया जला नहीं
ना जाने कितनी हैं आँखें
जिनमें कोई ख़्वाब अब तक पला नहीं।
क्या सिर्फ अपने घर को रौशन कर देने से
दिवाली मन जाती है ?
दिवाली है बुराई पर अच्छाई की
विजय का प्रतीक
क्या सिर्फ लक्ष्मी पूजन से
हमारे कर्तव्यों की छुट्टी हो जाती है ?
रोशन कर दो इस दिवाली
अपने-अपने अंतर्मन को
और हर लो उन सबके अंधरे
जो जीते हैं सुबह शाम तम को।
ताकि बन जाए उनकी भी ये शाम निराली
और मन जाए हमारी एक सार्थक दिवाली।
– Monika Jain ‘पंछी’
Cute Diwali Poem for Kids
जंगल में दिवाली
दिवाली पर चूहे जी ने,
नया सूट सिलवाया.
बिल्ली रानी ने परिधान,
लन्दन से मंगवाया.
शेरजी ने भी मंगवाई,
जोधपुर की शेरवानी,
बन्दर भैया लेकर आया,
नीला सूट पठानी.
भालू जी का सफ़ेद कोट,
सबके मन को भाया,
हाथी दादा का कुर्ता पाजामा,
कलकत्ता से आया.
जंगल सजा पेड़ मुस्काए ,
पवन चली मतवाली,
धूम धाम से सबने मनाई,
जंगल में दिवाली.
– महेंदर कुमार वर्मा
Happy Deepavali Kavita in Hindi
झिलमिलझिलमिल बिजली की
रंग बिरंगी लड़ियाँ
नन्हे मुन्ने हाथो मैं वाहन
दिल फ़रेब फुलझरियाँ
दिवाली है पर्व मिलन का,
भरत मिलिहिं निज भाई
चौराहे, मन्दिर, गलियाँ मैं
लगे हुए हैं मेले
नज़र पड़े जिस या दिखे,
भरे ख़ुशी से चेहरे
चौदह बरस बाद लौटे हैं,
सिया लखन रघुराई
दिवाली के दिन हैं जैसे,
घर मैं हूं कोई शगाई
अंदर बाहर होये सफेदी,
ख़ुश अम्मा, ख़ुश दादी
गोवर्धन को धरे छंगुरिया
इन्ही दिनन गोसाईं,
अँधेरे की रैना बेटे,
फैला है उजियारा.
Diwali Short Poem for Children
सोने की बाती, चाँदी सा उजाला,
दीपावली का पर्व है मतवाला.
बम फटे और चले पटाखे,
रोशनी से मूंद -मूंद गयी आँखें.
अमावस का धुला दाग काला,
दीपावली का पर्व मतवाला.
फसल आई घर शुभ यही लाभ,
हिसाब नए शुरू यही रंग आम.
बधाई मिठाई का चला है दौर,
साफ़ स्वछता है हर ठौर.
नया कैलेंडर ये बतलाता,
दीपावली का पर्व है मतवाला.
– गफूर ‘स्नेही’
Happy Diwali Poetry in Hindi
आया त्यौहार दिवाली का
बच्चों की खुशहाली का
बब्लू कहते पापा से
मुझको पीसी लाना है
गुरिया कहती मम्मी से
हमें सितार बजाना है
पापा नंगे अचम्भे में है
ये मौसम कंगाली का
आया त्यौहार दिवाली का
बीबी कहति पति देव से
जब बोनस तुम पाओगे
सबसे पहले हार सुनहरा
ला मुझको पहचानो गे
पति देव तो मूक बने हैं
रूपया देना उधारी का
आया त्यौहार दिवाली का
सब की फरमाइश से तंग हुए हैं
बब्लू गुरिया के पापा जी
पत्नी तो सर चढ़ कर बोले
कभी ना कहते आओ जी
अब भाग न सके पापा जी
जो ठेका लीजिए रखवाली का
आया त्यौहार दिवाली का
Small Poem On Diwali in Hindi Fonts
दीपों का त्यौहार दिवाली आई है,
खुशियों का संसार दिवाली आई है.
घर आँगन सब नया-सा लगता है,
नया -नया परिधान सभी को फबता है,
नए नए उपहार दिवाली लायी है,
खुशियों का संसार दिवाली लायी है.
दीप सजे जैसे मोती की लड़ियाँ हैं,
नन्हे -नन्हे हाथों में फूलझड़ियाँ हैं,
जलते हुए अनार दिवाली लायी है,
खुशियों का संसार दिवाली लायी है.
– रंजना राजेश चौधरी
Short Happy Diwali Poems in Hindi
आई रे आई दिवाली
पटाखे तोहफे लायी दिवाली
दिल को खुश करने आई दिवाली
आई रे आई दिवाली
आई रे आई दिवाली
मजे करते हुए बच्चे देखो
मम्मी का ना पापा का डर है
स्कूल का ना टीचर का डर है
बल्ब मूर्ख लगते पापा
मंदिर सजाती देखो मम्मी
बच्चे हैं खेलते कूदते
पठाको मैं एकदुम अवश्य है
खाना देखो बनती चाची
चॉकलेट खाते देखो चाचा
भगवानजी की पूजा मैं सब
शीश झुकन के बैठे देखो
आरती लेकर या पार्षद खाकर
झूम उठा सारा परिवार
आई रे आई दिवाली
आई रे आई दिवाली
खुशिया देखो लै दिवाल
आई रे आई दिवाली
जगमग सबकी मने दिवाली
जगमग सबकी मने दिवाली,
खुशी उछालें भर-भर थाली।
खील खिलौने और बताशे,
खूब बजाएं बाजे ताशे।
ज्योति-पर्व है,ज्योति जलाएं,
मन के तम को दूर भगाएं।
दीप जलाएं सबके घर पर,
जो नम आँखें उनके घर पर।
हर मन में जब दीप जलेगा,
तभी दिवाली पर्व मनेगा।
खुशियाँ सबके घर-घर बाँटें,
तिमिर कुहासा मन का छाँटें।
धूम धड़ाका खुशी मनाएं,
सभी जगह पर दीप जलाएं।
कोई कोना ऐसा हो ना,
जिसमें जलता दीप दिखे ना।
देखो, ऊपर नभ में थाली,
चन्दा के घर मनी दिवाली।
देखो, ढ़ेरों दीप जले हैं,
नहीं पटाखे वहाँ चले हैं।
कैसी सुन्दर हवा वहाँ है,
बोलो कैसी हवा यहाँ है।
सुनो, पटाखे नहीं चलाएं,
धुआँ, धुन्ध से मुक्ति पाए।
– आनन्द विश्वास
साथी, घर-घर आज दिवाली!
फैल गयी दीपों की माला
मंदिर-मंदिर में उजियाला,
किंतु हमारे घर का, देखो, दर काला, दीवारें काली!
साथी, घर-घर आज दिवाली!
हास उमंग हृदय में भर-भर
घूम रहा गृह-गृह पथ-पथ पर,
किंतु हमारे घर के अंदर डरा हुआ सूनापन खाली!
साथी, घर-घर आज दिवाली!
आँख हमारी नभ-मंडल पर,
वही हमारा नीलम का घर,
दीप मालिका मना रही है रात हमारी तारोंवाली!
साथी, घर-घर आज दिवाली!
– हरिवंशराय बच्चन
Short Hindi Poems On Diwali in Hindi
पर्व है पुरुषार्थ का,
दीप के दिव्यार्थ का,
देहरी पर दीप एक जलता रहे,
अंधकार से युद्ध यह चलता रहे,
हारेगी हर बार अंधियारे की घोर-कालिमा,
जीतेगी जगमग उजियारे की स्वर्ण-लालिमा,
दीप ही ज्योति का प्रथम तीर्थ है,
कायम रहे इसका अर्थ, वरना व्यर्थ है,
आशीषों की मधुर छांव इसे दे दीजिए,
प्रार्थना-शुभकामना हमारी ले लीजिए!!
झिलमिल रोशनी में निवेदित अविरल शुभकामना
आस्था के आलोक में आदरयुक्त मंगल भावना!!!
दीपावली पर बाल-मन की कविता
दीपों का त्योहार दीवाली।
खुशियों का त्योहार दीवाली॥
वनवास पूरा कर आये श्रीराम।
अयोध्या के मन भाये श्रीराम।।
घर-घर सजे , सजे हैं आँगन।
जलते पटाखे, फ़ुलझड़ियाँ बम।।
लक्ष्मी गणेश का पूजन करें लोग।
लड्डुओं का लगता है भोग॥
पहनें नये कपड़े, खिलाते है मिठाई ।
देखो देखो दीपावली आई॥
Kavita on Diwali (दीप पर्व)
है दीप पर्व आने वाला
हमको भी दीप जलाना है
मन के अंदर जो बसा हुआ
सारा अंधियार मिटाना है
हम दीप जला तो लेते हैं
बाहर उजियारा कर लेते
मन का मंदिर सूना रहता
बस रस्म गुजारा कर लेते
इस बार मगर कुछ नया करें
अंतस का दीप जगाना है
बाहर का अंधियार मिटा
फिर भी ये राह अबूझी है
जब तक अंतर्मन दीप बुझा
देवत्व राह अनबूझी है
सद्ज्ञान राह फैलाकर के
सारा मानस चमकाना है
है दीप पर्व आने वाला।
– देवपुत्र
Motivational Diwali Kavita in Hindi Wordings
वह मंगल दीप दिवाली थी
दीपो से जगमग थाली थी
कोई दिये जला कर तोड़ गया
आशा की किरण को रोक गया
इस बार ना ये हो पाएगा
अंधियारा ना टिक पाएगा
कर ले कोशिश कोई लाख मगर
कोई दिया ना बूझने पाएगा
जब रात में बारह बजते हैं
सब लक्ष्मी पूजा करते हैं
रात की काली माया के लिये
दीपों से उजाला करते हैं
दिवाली खूब मनाएंगे
लड्डू और पेड़ा खाएंगे
अंतर्मन के अंधेरे को..
दीपो से दूर भगाएँगे
दिवाली की रात है आई
दीपों की पंक्ति में हँसती,
दिवाली की रात है आई.
दीपा, राजू ने मिल-जुल कर,
घर, आँगन की करी सफाई.
पूजा की थाली में सजते,
मेवा, कुमकुम, फूल, मिठाई.
फूलझड़ी नाचे मतवाली,
नाचे फिरकी और हवाई.
खिल खिल करते हँसे अनार,
बम्बों ने है धूम मचाई.
पुण्य सदा जीता है जग में,
यही तो है अटल सच्चाई.
प्रेम प्यार का भाव बताती,
दिवाली की रात है आई.
– राजेन्द्र निशेश
Short Hindi Poems On Diwali For Kids
दिवाली रोज मनाएं
फूलझड़ी फूल बिखेरे
चकरी चक्कर खाए
अनार उछला आसमान तक
रस्सी-बम धमकाए
सांप की गोली हो गई लम्बी
रेल धागे पर दौड़ लगाए
आग लगाओ रॉकेट को तो
वो दुनिया नाप आए
टिकड़ी के संग छोटे-मोटे
बम बच्चों को भाए
ऐसा लगता है दिवाली
हम तुम रोज मनाएं।
– संदीप फाफरिया ‘सृजन’
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