Hindi Story For Class 2 Students – कक्षा 2 के छात्रों के लिए हिंदी कहानी

नमस्ते, मैं इस पोस्ट में Hindi Story For Class 2 Students जोड़ रहा हूँ। मैं जानता हूं कि आप सभी को अपना कार्य पूरा करने के लिए होमवर्क मिल रहा होगा या कहानी के माध्यम से आप कुछ नया सीख सकते हैं। तो ये कहानियाँ आपके दिमाग की सोच को बढ़ाती हैं और आपको नैतिक शिक्षा भी देती हैं।

नमस्कार, Hindi Story For Class 2 Students के बारे में इस ब्लॉग पोस्ट में आपका स्वागत है! कहानियों में हमारी कल्पना को पकड़ने, हमें महत्वपूर्ण सबक सिखाने और दूर-दराज के देशों में साहसिक यात्रा पर ले जाने की शक्ति होती है। Class 2 Students के लिए, कहानियों के माध्यम से Hindi सीखना उनके भाषा कौशल के साथ-साथ पढ़ने और लिखने के प्रति उनके प्यार को विकसित करने का एक मजेदार और आकर्षक तरीका हो सकता है।

Hindi Story For Class 2

चाहे आप एक छात्र, शिक्षक या अभिभावक हों, मुझे आशा है कि यह ब्लॉग पोस्ट आपको Hindi Story For Class 2 Students की दुनिया में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा और आपको इस रोमांचक और आकर्षक शैली में खोज और विकास की अपनी यात्रा शुरू करने के लिए प्रेरित करेगा। तो आइए जानते हैं इन very short Hindi storiesके बारे में।

Hindi Story For Class 2 Students - कक्षा 2 के छात्रों के लिए हिंदी कहानी
Hindi Story For Class 2 Students – कक्षा 2 के छात्रों के लिए हिंदी कहानी

The Lion and the Mouse in Hindi

Lion and Mouse Story in Hindi Written with Moral: एक समय की बात है एक जंगल में एक शेर राज करता था। एक दिन वह दोपहर के समय एक शिकार को खाने के बाद एक पेड़ के नीचे सो रहा था। तभी वहां पर एक चूहा आया। जब चूहे ने शेर को सोते हुए देखा तो उसको मस्ती सूझी और वह शेर के ऊपर चढ़कर कूदने लगा। जिससे चूहे को बहुत मजा आ रहा था।

चूहे की इस हरकत से शेर जग गया और वह गुस्से में दहाड़ कर उठा। उसने अपने एक पंजे से चूहे को पकड़ लिया। चूहे को पता लग चुका था कि उसकी वजह से शेर की नींद टूट चुकी है और वह बहुत गुस्से में हैं। इसलिए चूहे ने अपने प्राणों की रक्षा के लिए शेर से भीख मांगी और कहां की मुझे छोड़ दो। जब भी आपको जरूरत होगी तो मेरे से जो होगा मैं आपकी मदद करूंगा।

शेर चूहे की यह बात सुनकर हंसने लगा और कहां की तुम छोटे से चूहे मेरी क्या मदद करोगे। शेर ने कहा कि मैंने अभी शिकार खाया है। जिससे मेरा पेट भरा हुआ है इसलिए मैं तुम्हें जीवनदान देता हूं। यह कहकर शेर ने चूहे को छोड़ दिया। चूहा भी शेर को धन्यवाद कहकर वहां से चला गया।

कुछ दिनों के बाद शेर जब जंगल में घूम रहा था तो कुछ शिकारी शेर का शिकार करने के लिए जंगल में आए। उन्होंने शेर को पकड़ने के लिए एक जाल बिछाया। शेर शिकारियों के द्वारा बिछाए गए जाल में फस गया। शिकारी शेर को जाल में फंसा देखकर उसको ले जाने के लिए गांव में पिंजरे वाली गाड़ी लेने के लिए गए।

शेर जाल में फंसे हुए बहुत जोर जोर से दहाड़ने लगा। शेर की दहाड़ उसी चूहे ने और जंगल की दूसरे जानवरों ने भी सुनी। चूहे ने जंगल के दूसरे जानवरों से शेर की मदद करने के लिए चलने को कहा। जब वह शेर के पास पहुंचे तो शेर को जाल में फंसा हुआ देखा।

उस जाल से शेर को केवल चूहा ही मुक्त करा सकता था। चूहे ने उस जाल के ऊपर चढ़कर अपने तेज़ दांतो से जाल को जल्दी से काटना शुरू कर दिया। कुछ समय में उसने जाल को काट दिया। जिससे शेर जाल से मुक्त हो गया। जाल से मुक्त होने के बाद शेर ने चूहे को धन्यवाद किया।

इस पर चूहे ने शेर को कहा कि मैंने आपको उस दिन कहा था कि जब भी आपको मदद की जरूरत पड़ेगी। मैं आपकी जो हो सकेगा मदद करूंगा। लेकिन आपने मेरी बात को मजाक में लिया था। शेर को चूहे की वह बात याद आई और वह अपने कहे पर शर्मिंदा हुआ।

इसके बाद शेर ने चूहे से कहा कि आज के बाद तुम मेरे दोस्त हो। तुमको जब भी किसी सहायता की जरूरत हो तो तुम मुझको कह सकते हो। उसके बाद चूहा ठीक है कहकर वहां से जाने लगा तो शेर ने कहा कि क्या तुम आज मेरी पीठ पर नहीं कूदना चाहोगे।

चूहे ने जब शेर की यह बात सुनी तो वह खुशी से शेर की पीठ पर चढ़कर कूदने लगा। वह शेर की पीठ पर कूद ही रहा था की शिकारी शेर को लेने के लिए जंगल में पिंजरे वाली गाड़ी के साथ पहुंच गए। जब वह शेर के पास पहुंचे तो उन्होंने शेर को जाल से मुक्त पाया। जिससे वह बहुत डर गए। इसके बाद शेर ने दहाड़ कर शिकारियों को वहां से भगा दिया।

Moral of the Story: इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें किसी को भी कम नहीं आंकना चाहिए। क्या पता कब किस वक्त में कौन हमारे काम आ जाये। जिस तरह शेर ने चूहे को छोटा समझ कर उसका मजाक उड़ाया लेकिन बाद में उसी छोटे चूहे ने शेर की जान बचाई।

Hindi Story For Class 2 Students

Hindi Story For Class 2 Students

Count Wisely in Hindi

Count Wisely in Hindi Written with Moral: एक दिन, राजा अकबर ने अपने दरबार में एक सवाल पूछा, जिसने दरबार में मौजूद सभीको हैरान कर दिया । वे सभी ने जवाब ढूंढ़ने की कोशिश की, बीरबल ने अंदर जाकर पूछा कि मामला क्या है।उन्होंने उनसे सवाल दोहराया। सवाल था, “शहर में कितने कौवे हैं?”

बीरबल तुरंत मुस्कुराए और अकबर के पास गए। उन्होंने जवाब की घोषणा की, उन्होंने कहा कि शहर में इक्कीस हजार, पांच सौ और तेईस कौवे थे। जब उनसे पूछा गया कि उन्हें जवाब कैसे पता है, तो बीरबल ने कहा, “अपने आदमियों को कौवे की संख्या गिनने को कहें। अगर अधिक संख्या में हैं, तो कौवों के रिश्तेदार उन्हें पास के शहरों से मिलने आये होंगे । यदि कम हैं तो, हमारे शहर के कौवे उनके रिश्तेदारों से मिलने गए होंगे जो की बहार के शहर में रहते है । जवाब से खुश होकर अकबर ने बीरबल को माणिक और मोती की चेन भेंट की।

Moral of the Story: आपके उत्तर के लिए स्पष्टीकरण होना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि उत्तर देना।

Hindi Story For Class 2 Students

Hindi Story For Class 2 Competiton

The Fox and the Stork in Hindi

बहुत पुरानी बात है। एक जंगल में एक लोमड़ी रहता था । वह बहुत ही चतुर था। एक बार जब लोमड़ी तालाब के किनारे पानी पीने गया तो वहां पर उसने एक सारस को देखा । उससे सारस से कहा – मेरा कोई दोस्त नहीं है क्या तुम मेरे दोस्त बनोगे ? सारस भी अकेला था । इसलिए उसने उसकी दोस्ती को स्वीकार कर लिया । धीरे-धीरे दोनों के बीच की दोस्ती बहुत ही गहरी होती गई। कोई भी खाना मिलता तो दोनों आपस में बांट कर खाते, मगर लोमड़ी अपनी होशियारी दिखा दिखा कर ज्यादा खाना खा लिया करता।

एक बार की बात है लोमड़ी ने सारस को अपने घर पर खीर के दावत के लिए बुलाया। शाम को जब खाना बनकर तैयार हो गया तब लोमड़ी ने अपनी चालाकी दिखाते हुए एक बहुत ही बड़ी थाली में सारस को खाना परोस दिया। सारस का चोंच लंबा होने के नाते वह थाली में रखे खीर को सही से खा नहीं पा रहा था। थोड़ा बहुत खाने के बाद सारस ने कहा- लोमड़ी भैया ! अब मेरा पेट भर गया है। अब मैं अपने घर को चलता हूं यह कहकर सारस भूखे पेट अपने घर के लिए निकल गया। उधर लोमड़ी ने अपने खाने के साथ-साथ सारस का बचा हुआ खाना भी खा लिया।

लोमड़ी को सबक सिखाने के लिए सारस ने अपने घर पर लोमड़ी को दावत के लिए बुलाया। जब खाना बनकर तैयार हो गया। सारस ने एक लंबी गर्दन वाली सुराही में लोमड़ी को खाना परोस दिया। लोमड़ी की ऊंचाई काफी छोटी होने के कारण वह सुराही के मुहाने तक नहीं पहुंच पा रहा था। बहुत ही मशक्कत के बाद वह सुराही के मुहाने पर लगे कुछ दानों को ही खा पाया और समझ गया कि जिस तरह वह सारस के साथ अन्याय किया था, उसी तरह सारस ने लोमड़ी के साथ किया। इसलिए दोस्तों कहा गया है कि दोस्ती में चालाकी और होशियारी उतनी ही करें, जितने से किसी इंसान को ठेस ना पहुंचे और दोस्ती पर बुरा असर ना पड़े।

कहानी से सीख: कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि असली दोस्ती में चालाकी और धोखाधड़ी नहीं होनी चाहिए। सच्चे दोस्त वह होते हैं जो समय-समय पर आपसी समझदारी, समरसता और सामंजस्य बनाए रखते हैं। जब हम अपने दोस्तों के साथ ईमानदारी से और समझदारी से व्यवहार करते हैं, तो वह दोस्ती हमें सच्चे और दृढ़ संबंधों में बदल देती है

Hindi Story For Class 2 Students

Hindi Story Telling For Class 2

King Midas And The Golden Touch In Hindi

कई वर्ष पुरानी बात है, एक खूबसूरत से शहर में मिडास नाम का राजा अपनी पत्नी और बेटी के साथ रहा करता था। राजा मिडास बहुत लालची था और उसके पास बहुत सारा सोना था। उसे अपने सोने से बहुत प्रेम था। उसे सोना इतना पसंद था कि अपनी बेटी का नाम भी उसने सोनपरी रख दिया था। अपने जीवन में राजा को सिर्फ दो ही चीजें सबसे प्रिय थी, एक सोना और दूसरी सोनपरी।

वह अपना सारा सोना एक तैखाने में रखता था और हर रोज उसे गिनता था। उसकी इस आदत पर रानी कहा करती थी कि “महाराज, आप ऐसे हर रोज अपना सोना गिनेंगे, तो एक दिन यह सारा सोना गायब हो जाएगा।” रानी की इस बात पर राजा मिडास बहुत नाराज होता था। वह कहता कि रानी, इस सोने का महत्व तुम नहीं समझोगी। दुनिया में सोने से ज्यादा खूबसूरत और कीमती कुछ नहीं है। हर रोज राजा अपना सोना गिनता और सोने के लिए उसका मोह बढ़ता ही जाता। साथ ही दिन-ब-दिन राजा और लालची होता जा रहा था।

जहां एक तरफ राजा को सोने से इतना मोह था, वहीं राजकुमारी सोनपरी को सोने में कोई दिलचस्पी नहीं थी। दिन भर वह महल के बगीचों में खेला करती थी। उसे प्रकृति से बहुत प्रेम था। सोनपरी राजा से कहा करती थी “पिताजी, देखिए इस फूल को, यह कितना सुंदर है।” इस पर राजा मिडास जवाब देता कि “हां, सुंदर तो है, लेकिन अगर यह सोने का होता तो और ज्यादा सुंदर होता।”

सोने के लिए राजा मिडास की लालच इतनी बढ़ती जा रही थी कि वह दुनिया का सबसे अमीर व्यक्ति बनना चाहता था। धीरे-धीरे उसकी यह चाहत कब पागलपन में बदल गई, किसी को पता ही नहीं चला।

एक दिन राजा ने सबसे अमीर आदमी बनने के लिए भगवान से प्रार्थना करने के बारे में सोचा। उसने खाना-पीना छोड़कर, भगवान का ध्यान करना शुरू कर दिया। कई दिन बीत गए, लेकिन राजा मिडास ने अपना ध्यान भंग नहीं होने दिया। उसकी इस प्रार्थना से भगवान प्रसन्न हुए और उसे दर्शन देने पहुंचे। भगवान ने कहा कि बताओ, तुम्हें क्या वरदान चाहिए? राजा ने कहा, “भगवान, मुझे ऐसी शक्ति दो कि जिस भी चीज को मैं स्पर्श करूं, वह सोने की बन जाए।” भगवान ने उसे वरदान दे दिया और कहा कि एक बात हमेशा याद रखना कि सोने से तुम हर खुशी नहीं खरीद सकते। ऐसा कह कर भगवान गायब हो गए और राजा खुशी के मारे झूम उठा।

वह महल की हर छोटी-बड़ी चीज को छूने लगा। कुर्सी, मेज, गमले, पलंग, हर वस्तु सोने में बदलती जा रही थी। राजा बागीचे में पहुंचा और पेड़-पौधे व फूल को छूकर सोने का बना दिया। इतनी भाग-दौड़ करने की वजह से राजा मिडास थक गया था और उसे भूख लगने लगी। वह खाना खाने के लिए महल में गया और अपने सोने की कुर्सी व मेज पर बैठ गया।

मेज पर कई प्रकार के पकवान, मिठाइयां और फल रखे हुए थे, जिन्हें देख कर राजा के मुंह में पानी आ रहा था। जैसे ही राजा ने पकवान खाया, तो उसका सामने का एक दांत टूट कर गिर गया और यह देख कर वह चौंक गया। उसने देखा कि उसके स्पर्श से पकवान सोने के बन गए हैं। जैसे ही उसने फल को छुआ, फल भी सोने के बन गए। उसके छूने से मिठाइयां, नमकीन, यहां तक भी पानी भी सोने में बदल गया।

यह सब देख कर राजा निराश हो गया और कहने लगा “हे भगवान, अब मैं क्या खाऊं?” अपने पिता की आवाज सुन कर सोनपरी दौड़ती हुई आई। उसने देखा कि उसके पिता बहुत परेशान हैं। पिता की यह परेशानी उससे देखी न गई और उन्हें सांत्वना देने के लिए उसने राजा को गले से लगाना चाहा। इससे पहले कि राजा कुछ कह पाता राजकुमारी सोनपरी ने राजा को छू लिया और उसे छूते ही वह सोने की बुत बन गई।

अपनी बेटी का यह हाल देखकर राजा मिडास जोर-जोर से रोने लगा। इस सब के बाद राजा ने भगवान से फिर प्रार्थना की। जब भगवान प्रकट हुए, तो राजा ने कहा “हे इश्वर, मुझे यह वरदान नहीं चाहिए। मैं बहुत लालची हो गया था, लेकिन अब मुझे अपनी गलती का एहसास हो गया है। कृपया करके मेरी सहायता करें।” राजा की बातें सुनकर, भगवान ने वरदान वापस ले लिया और सब कुछ पहले की तरह हो गया।

राजकुमारी सोनपरी फिर से बगीचे में खेलने लगी और उसके साथ राजा मिडास भी प्रकृति का आनंद उठाने लगें। इसके बाद राजा ने अपने तैखाने पर ताला लगा दिया और हर रोज सोना गिनना भी बंद कर दिया।

Moral of the Story: इस कहानी से यह सीख मिलती है कि कभी लालच नहीं करना चाहिए, क्योंकि लालच बुरी बला है और उसका फल हमेशा बुरा ही होता है।

Hindi Story For Class 2 Students

Hindi Story For Class 2 With Moral

The Boy Who Cried Wolf Story In Hindi – भेड़िया आया की कहानी

बहुत समय पहले की बात है, एक गाँव में एक चरवाहा रहा करता था। उसके पास कई सारी भेड़ थीं, जिन्हें चराने वह पास के जंगल में जाया करता था। हर रोज सुबह वह भेड़ों को जंगल ले जाता और शाम तक वापस घर लौट आता। पूरा दिन भेड़ घास चरतीं और चरवाहा बैठा-बैठा ऊबता रहता। इस वजह से वह हर रोज खुद का मनोरंजन करने के नए नए तरीके ढूँढ़ता रहता था।

एक दिन उसे एक नई शरारत सूझी। उसने सोचा, क्यों न इस बार मनोरंजन गाँव वालों के साथ किया जाए। यही सोच कर उसने ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाना शुरू कर दिया “बचाओ-बचाओ भेड़िया आया, भेड़िया आया।”

उसकी आवाज़ सुन कर गाँव वालें लाठी और डंडे लेकर दौड़ते हुए उसकी मदद करने आए। जैसे ही गाँव वालें वहाँ पहुँचे, उन्होंने देखा कि वहाँ कोई भेड़िया नहीं है और चरवाहा पेट पकड़ कर हँस रहा था। “हाहाहा, बड़ा मज़ा आया। मैं तो मज़ाक कर रहा था। कैसे दौड़ते-दौड़ते आए हो सब, हाहाहा।” उसकी ये बातें सुन कर गाँव वालों का चेहरा गुस्से से लाल-पीला होने लगा। एक आदमी ने कहा कि हम सब अपना काम छोड़ कर, तुम्हें बचाने आए हैं और तुम हँस रहे हो ? ऐसा कह कर सभी लोग वापस अपने अपने काम की ओर लौट गए।

कुछ दिन बीतने के बाद, गाँव वालों ने फिर से चरवाहे की आवाज़ सुनी। “बचाओ बचाओ भेड़िया आया, बचाओ।” यह सुनते ही, वो फिर से चरवाहे की मदद करने के लिए दौड़ पड़े। दौड़ते-आवाज़ गाँव वालें वहाँ पहुंचे, तो क्या देखते हैं? वो देखते हैं कि चरवाहा अपनी भेड़ों के साथ आराम से खड़ा है और गाँव वालों की तरफ़ देख कर ज़ोर-ज़ोर से हँस रहा है। इस बार गाँव वालों को और गुस्सा आया। उन सभी ने चरवाहे को खूब खरी-खोटी सुनाई, लेकिन चरवाहे को अक्ल न आई। उसने फिर दो-तीन बार ऐसा ही किया और मज़ाक में चिल्लाते हुए गाँव वालों को इकठ्ठा कर लिया। अब गाँव वालों ने चरवाहे की बात पर भरोसा करना बंद कर दिया था।

एक दिन गाँव वालें अपने खेतों में काम कर रहे थे और उन्हें फिर से चरवाहे के चिल्लाने की आवाज़ आई। “बचाओ बचाओ भेड़िया आया, भेड़िया आया बचाओ”, लेकिन इस बार किसी ने भी उसकी बात पर गौर नहीं किया। सभी आपस में कहने लगे कि इसका तो काम ही है दिन भर यूँ मज़ाक करना। चरवाहा लगातार चिल्ला रहा था, “अरे कोई तो आओ, मेरी मदद करो, इस भेड़िए को भगाओ”, लेकिन इस बार कोई भी उसकी मदद करने वहाँ नहीं पहुंचा।

चरवाहा चिल्लाता रहा, लेकिन गाँव वालें नहीं आए और भेड़िया एक-एक करके उसकी सारी भेड़ों को खा गया। यह सब देख चरवाहा रोने लगा। जब बहुत रात तक चरवाहा घर नहीं आया, तो गाँव वालें उसे ढूँढते हुए जंगल पहुँचे। वहाँ पहुँच कर उन्होंने देखा कि चरवाहा पेड़ पर बैठा रो रहा था।

गाँव वालों ने किसी तरह चरवाहे को पेड़ से उतारा। उस दिन चरवाहे की जान तो बच गई, लेकिन उसकी प्यारी भेड़ें भेड़िए का शिकार बन चुकी थीं। चरवाहे को अपनी गलती का एहसास हो गया था और उसने गाँव वालों से माँफ़ी माँगी। चरवाहा बोला “मुझे मॉफ कर दो भाइयों, मैंने झूठ बोल कर बहुत बड़ी गलती कर दी। मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था।”

कहानी से सीख: इस कहानी से यह सीख मिलती है कि कभी झूठ नहीं बोलना चाहिए। झूठ बोलना बहुत बुरी बात होती है। झूठ बोलने की वजह से हम लोगों का विश्वास खोने लगते हैं और समय आने पर कोई हमारी मदद नहीं करता।

Hindi Story For Class 2 Students

Short Hindi Story For Class 2

Proud Red Rose Story In Hindi

एक बार रेगिस्तान में, बहुत सारे पौधे और फूल थे जो एक साथ रहते थे, जैसे कैक्टस, रेगिस्तानी गेंदा, ताड़ के पेड़, रेगिस्तानी सूरजमुखी, और इसी तरह और भी कई सारे पेड़.सारे पेड़ पौधे काफी मिलजुलकर रहते थे, और सभी एक दूसरे के सुख दुःख में एक दूसरे का सहयोग करते थे.

उन सभी को आवश्यकता के अनुसार सूरज की रौशनी, पानी और भरपूर खाद मिल रही थी तो वो सब काफी अच्छी तरह से बढ़ रहे थे. उन्ही सब के बीच में एक छोटा और प्यारा सा गुलाब का पौधा भी पैदा हुआ, उसकी पंखुड़ी सुर्ख लाल रंग की थी, गुलाब का पौधा उन सभी पौधों के बीचे काफी सुन्दर और अलग लगता था.

जैसे-जैसे समय बीतता गया समय के साथ साथ नन्हा गुलाब बड़ा और अधिक सुंदर होता गया, सभी पेड़-पौधे उस सुंदर गुलाब को उसकी सुंदरता की तारीफ़ करते थे और उससे प्यार करते थे, हर पेड़ इतने सुन्दर गुलाब को अपने बीच में पाकर काफी खुश थे, और उसको बचाना चाहते थे जिसकी वजहा से बाकी सारे पेड़ उसको छाया और पानी देते थे ताकि वो और बड़ा और खूबसूरत बन जाये.

बाकी पेड़ो से इतना प्यार मिलने की वजहा से गुलाब अपने आपको सबसे बड़ा समझने लगा था, उसको लगता था की वो सारे पेड़ो का राजा बन गया है. वो बहुत ही ज्यादा घमंडी हो गया था और अपने अगल बगल वाले कैक्टस के पौधों को बिलकुल भी पसंद नहीं करता था. वो हर समय उनका अपमान किया करता था और उनका मज़ाक भी उडाता रहता था.

ऐसे ही एक दिन उसने अपने अगल बगल वाले कैक्टस से कहा, तुम अपने को देखो और मुझे देखो, तुम कितने भद्दे और बेढंगे हो? तुम्हारे कांटे कितने अजीब है, तुम्हारे फूलो से तो महक भी नहीं आती है.

वही मेरा शरीर कितना पतला और लचीला है, मेरे कांटे भी तुमसे अच्छे है, और मेरे फूल का क्या कहना वो तो दुनिया में सबसे खूबसूरत और महकदार है. बाकी आस पास के पेड़ो ने गुलाब को रोकने की बहुत कोशिस की लेकिन वो बोलता ही रहा. कैक्टस उसकी बाते सुनकर मुस्कुराने लगी लेकिन उन्होंने कुछ भी नहीं बोला.

इतना सब होने के बाद भी, दोनों कैक्टस उस गुलाब को हर दिन पानी और छाया देते हैं, लेकिन गुलाब के बर्ताव में कुछ भी बदलाव नहीं आता है. एक दिन उस रेगिस्तान में बहुत भयंकर तूफ़ान आता है, सारे पेड़ बुरी तरह से हिलने लगते है, वो दोनों कैक्टस गुलाब को कस कर पकड़ लेते है और जब कुछ समय के बाद तूफ़ान खत्म होता है तो वो देखते है की सिर्फ वही गुलाब और दोनों कैक्टस ही जिन्दा बचे है, और बाकी सारे पेड़ आंधी की वजह से या तो टूट गए थे या गिर गए थे. ये देखकर उनको बहुत दुःख होता है, लेकिन वो कुछ कर भी तो नहीं सकते थे.

जल्द ही, बसंत का मौसम बीत गया और गर्मी का मौसम आ गया, गर्म मौसम के कारण उस रेगिस्तान में पानी लगभग समाप्त हो गया था और गर्म हवा चल रही थी, उन सभी कारणों से लाल गुलाब का जीवन कठिन हो गया था. जो गुलाब एक समय में सबसे ज्यादा सुन्दर दिखता था वो अब लगभग मुरझा गया था.

दोनों कैक्टस फिर भी उसको छाया देने की कोशिश करते थे लेकिन अपने घमंड के कारण गुलाब उन दोनों से मदद लेने तो तैयार नहीं था।

ऐसे ही एक दिन पानी की कमी और गर्म हवा के कारण लाल गुलाब लगभग मरने की कागार पर पहुंच गया. तभी दोनों कैक्टस में उसको अपने तने में से निकाल कर पानी दिया और उसको अपनी छाया में ले लिया।

अब रोज कैक्टस लाल गुलाब को पानी और छाया देते थे, उनकी देखभाल की वजहा से लाल गुलाब का जीवन वापस सामान्य हो गया, लाल गुलाब को कैक्टस के साथ किये गए अपने दुर्वयवहार का अहसास हो गया था, वो बहुत ही ज्यादा शर्मिंदा था और उसने दोनों कैक्टस से अपने किये की माफ़ी भी मांगी।

दोनों कैक्टस गुलाब के अंदर इतना बड़ा बदलाव देखकर बहुत खुश हुई, और उन्होंने गुलाब को माफ़ कर दिया. कुछ समय के बाद वापस बसंत ऋतू आई और गुलाब और कैक्टस के आस पास वापस काफी सारे पेड़ पौधे उगने लगे अब सब कुछ पहले की तरह अच्छा हो गया था। लाल गुलाब अब छोटे पौधों को अपनी और कैक्टस की कहानी सुनाता और सबको यही समझाता था की हमें अपने रूप के ऊपर घमंड नहीं करना चाहिए.

Moral of the Story: बच्चों लाल गुलाब कहानी से हमें ये शिक्षा मिलती है कि जब आप लालची और अभिमानी हो जाते हैं, तब आप अपनी आत्म-पहचान खो देते हैं, चाहे आप सबसे सुंदर या बुद्धिमान हों, कोई भी आपका सम्मान नहीं करेगा। लेकिन अगर आपके पास शीतलता और शांति है तो हर कोई काँटेदार कैक्टस की तरह आपका सम्मान करेगा।

Hindi Story For Class 2 Students

निष्कर्ष

अंत में, Hindi story for Class 2 students भाषा कौशल विकसित करने और पढ़ने और लिखने के प्रति प्रेम को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण और मूल्यवान उपकरण है। अपनी सरल भाषा और आकर्षक विषयों के साथ, ये कहानियाँ उन युवा शिक्षार्थियों के लिए बिल्कुल उपयुक्त हैं जो अभी हिंदी की दुनिया की खोज शुरू कर रहे हैं।

चाहे वे ‘लालची सियार’ जैसी क्लासिक कहानियों की खोज कर रहे हों या अपनी कल्पनाओं में नए रोमांच की खोज कर रहे हों, कक्षा 2 के छात्रों को Hindi में कहानियों के माध्यम से बढ़ने और सीखने के कई अवसर मिलेंगे। जैसे ही आप इस ब्लॉग पोस्ट के अंत तक पहुँचते हैं, मुझे आशा है कि आप इस रोमांचक और मनोरम शैली में खोज की अपनी यात्रा शुरू करने के लिए प्रेरित और प्रेरित महसूस करेंगे। पढ़ने के लिए आपका शुक्रिया!

ये भी पढ़ें –

The Donkey And The Cotton Story In Hindi

The Bonded Donkey Story In Hindi

Ankita Tiwari की जीवनी: मेरा नाम Ankita Tiwari है और मैं एक रुचिकर व्यक्ति हूँ जो हिंदी साहित्य, कविता, और कहानियों के क्षेत्र में रूचि रखती हूँ। मैं अपने ब्लॉग Gktrickhindi.in पर अपनी एवं पर्सिद वक्तियो रचनाएँ साझा करती हूँ ताकि लोग इससे प्रासंगिक और मनोहर ज्ञान प्राप्त कर सकें। मेरी शिक्षा का क्षेत्र 2012 में आर्ट्स में स्नातक किया गया था, और मैंने इस योग्यता को हाजीपुर, बिहार स्थित 'RN College' से प्राप्त की थी। इस समय से मैंने अपनी रचनाएँ साझा करने का कार्य शुरू किया है और इसके माध्यम से भाषा, साहित्य, और सांस्कृतिक बातचीत को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही हूँ। मुझे कहानी लिखने और पढ़ने में बहुत मजा आता है, और मैं इसे अपनी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानती हूँ। मैं यहाँ तक कि हिंदी साहित्य को बढ़ावा देने के लिए उत्सुक हूँ और लोगों को इस क्षेत्र में रुचि लेने के लिए प्रेरित करना चाहती हूँ। धन्यवाद।

Leave a Comment