Hindi Story For Class 7 Students – कक्षा 7 के छात्रों के लिए हिंदी कहानी

नमस्ते, मैं इस पोस्ट में Hindi Story For Class 7 Students जोड़ रहा हूँ। मैं जानता हूं कि आप सभी को अपना कार्य पूरा करने के लिए होमवर्क मिल रहा होगा या कहानी के माध्यम से आप कुछ नया सीख सकते हैं। तो ये कहानियाँ आपके दिमाग की सोच को बढ़ाती हैं और आपको नैतिक शिक्षा भी देती हैं।

नमस्कार, Hindi Story For Class 7 Students के बारे में इस ब्लॉग पोस्ट में आपका स्वागत है! कहानियों में हमारी कल्पना को पकड़ने, हमें महत्वपूर्ण सबक सिखाने और दूर-दराज के देशों में साहसिक यात्रा पर ले जाने की शक्ति होती है। Class 7 Students के लिए, कहानियों के माध्यम से Hindi सीखना उनके भाषा कौशल के साथ-साथ पढ़ने और लिखने के प्रति उनके प्यार को विकसित करने का एक मजेदार और आकर्षक तरीका हो सकता है।

Hindi Story For Class 7

चाहे आप एक छात्र, शिक्षक या अभिभावक हों, मुझे आशा है कि यह ब्लॉग पोस्ट आपको Hindi Story For Class 7 Students की दुनिया में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा और आपको इस रोमांचक और आकर्षक शैली में खोज और विकास की अपनी यात्रा शुरू करने के लिए प्रेरित करेगा। तो आइए जानते हैं इन very short Hindi stories के बारे में।

Hindi Story For Class 7 Students – कक्षा 7 के छात्रों के लिए हिंदी कहानी
Hindi Story For Class 7 Students – कक्षा 7 के छात्रों के लिए हिंदी कहानी

Hindi Story For Class 7 Students

मेहनत और समर्पण: एक सफलता की कहानी

एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में एक बच्चा था जिसका नाम राजू था। वह बहुत ही उत्साही और जिज्ञासु बच्चा था। राजू का सपना था कि वह एक दिन बड़ा आदमी बनेगा।

राजू की मां ने उसे हमेशा यह सिखाया कि पढ़ाई में सफलता की कुंजी है। एक दिन, उसकी मां ने उसे एक पुरानी कहानी सुनाई। कहानी में एक गरीब लड़का था जो अपनी मेहनत और आत्म-निर्भरता से बड़ा आदमी बन गया।

राजू ने उस कहानी से कुछ सीखा। उसने पढ़ाई में मेहनत और समर्पण से लगने लगा। वह रोज़ ध्यान से पढ़ाई करता और अपनी मां की सलाहों का पालन करता था।

समय बीतता गया और राजू ने अच्छे अंक प्राप्त किए। उसने अच्छे कॉलेज में प्रवेश पाया और वहाँ भी अपनी मेहनत जारी रखी। धीरे-धीरे वह अपने लक्ष्य की ओर बढ़ता गया।

अब राजू बड़ा हो गया था। वह एक प्रशासनिक अधिकारी बन गया था। उसकी मेहनत, संघर्ष और समर्पण ने उसे उसकी मंजिल तक पहुँचाया।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि मेहनत और समर्पण से हर कठिनाई को पार किया जा सकता है। चाहे हमारे पास जितनी भी संकटें क्यों ना हों, हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए। अगर हमारी मेहनत में ईमानदारी से समर्पण हो, तो हम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं।

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मालिक और नौकर की कहानी

एक बार एक हिरण शिकारियों से बचते-बचाते घोड़ों के अस्तबल में जाकर छिप गया। अस्तबल के नौकर ने उसे नहीं देखा। जब शिकारियों ने उससे हिरण के बारे में पूछा तो नौकर ने मना कर दिया। शिकारी चले गए। नौकर ने अस्तबल में जाकर देखा तो उसे हिरण दिखाई नहीं दिया। वह घास के पीछे छिपा था।

कुछ समय बाद मालिक आया। उसने नौकर से पूछा, “यहाँ पर सब ठीक है न?” नौकर ने हामी भर दी। तब मालिक स्वयं अस्तबल में गया और अच्छी तरह से अस्तबल का निरीक्षण करने लगा। उसे देखकर हिरण डर के मारे काँपने लगा, जिससे घास हिलने लगी।

मालिक ने उसे देख लिया और नौकर को बुलाकर पूछा, “क्या यहाँ कोई आया था?” “हाँ मालिक ! एक हिरण को ढूँढते हुए शिकारी आए थे।” नौकर ने बताया। “वहाँ देखो।” मालिक ने इशारा किया। अस्तबल में घास के पीछे छिपे हिरण को देखकर नौकर हैरान रह गया कि वह कब आया। हिरण ने आव देखा न ताव और वहाँ से तेजी से भाग निकला।

नैतिक शिक्षा: हमें हर काम पूरी सावधानी व लगन के साथ करना चाहिए।

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Hindi Story For Class 7 Competiton

गधे का भाग्य की कहानी

काफी समय पहले की बात है। एक माली के पास एक गधा था। माली गधे पर फूल लादकर शहर ले जाता था। एक दिन गधे ने सोचा, ‘यह माली मुझसे बहुत मेहनत कराता है। क्यों न मैं विधाता के पास जाकर अपने लिए किसी नए मालिक की मांग करूँ!’ यह सोचकर वह विधाता के पास पहुँच गया और उनसे बोला, “माली सारा दिन मुझसे बहुत मेहनत कराता है।

मैं उसके साथ खुश नहीं हूँ। कृपा करके आप मुझे कोई और मालिक दे दीजिए।’ विधाता ने उसे एक कुम्हार के पास भेज दिया। यहाँ उसकी हालत और भी खराब थी। कुम्हार सारा दिन उस पर ढेर सारे बर्तन रखकर बेचने जाता। थोड़े दिनों बाद गधा फिर विधाता के पास गया और बोला, “मुझे कोई और मालिक दे दीजिए।”

विधाता को गधे पर बहुत गुस्सा आया। उन्होंने उसे एक कसाई के हाथ बिकवा दिया। उसे देखते ही कसाई बोला, “इस गधे की खाल से तो अच्छा चमड़ा बनेगा।” यह सुनकर गधा अपनी मूर्खता पर आँसू बहाने लगा।

नैतिक शिक्षा : असंतुष्ट लोग कभी खुश नहीं होते.

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भगवान हर्मिज तथा एक इंसान की कहानी

एक आदमी समुद्र तट पर खड़े होकर प्रकृति की सुंदरता को निहार रहा था। समुद्र में चलते जहाज, पहाड़ और ठंडी हवाएँ उसके हृदय को आनंद से भर देती थीं। अचानक उसे दिखाई दिया कि सवारियों से भरा एक जहाज समुद्र में डूब गया। उस आदमी को बेहद दुख हुआ। उसने मन-ही-मन कहा कि भगवान का बर्ताव अन्यायपूर्ण है.

क्योंकि उन्होंने किसी एक अपराधी को सजा देने के लिए इतने सारे निर्दोष लोगों को मार दिया है। जिस स्थान पर वह खड़ा था वहाँ चीटियाँ भरी हुई थीं। जब वह भगवान को कोस रहा था तब एक चींटी ने उसे काट लिया।

उसे मारने के लिए वह आगे बढ़ा तो उसके पैर बहुत सारी चींटियों पर पड़ गए जिससे वे सभी कुचलकर मर गईं। तभी भगवान हर्मिज प्रकट हुए और बोले, “मुझे आशा है कि अब तुम समझ चुके हो कि भगवान इंसानों को ठीक उसी तरह से आँकता है जिस तरह से तुमने चींटियों को आँका है।”

नैतिक शिक्षा: दूसरों को दोष मत दीजिए, बल्कि अपनी कमियों पर ध्यान दीजिए।

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Hindi Story Telling For Class 7

कुएँ के मेंढक की कहानी

एक बार भीषण गर्मी पड़ी। महीनों तक वर्षा नहीं हुई। बारिश न होने से सभी नदी-नाले, तालाब आदि सूख गए। पानी में रहने वाले जीव-जन्तु पानी की तलाश में जहाँ-तहाँ मारे-मारे भटकने लगे। पानी की खोज में बेहाल दो मेंढक एक कुएँ के पास आए।

आगे चलने वाले मेंढक ने दूसरे मेंढक से हैरानी से पूछा, “देखो! यह कैसा गड्ढा है?” दूसरे मेंढक ने पास आकर देखा तो खुशी से बोला, “अरे ! यह तो कुआँ है। देखो, इसके अंदर कितना पानी है। चलो, इसके अंदर चलते हैं।” दूसरा मेंढक थोड़ा समझदार था। वह बोला, “मित्र! पानी के लालच में जल्दबाजी न करो।

जरा सोचो कि हम लोग कुएँ में चले तो जाएंगे पर बाहर कैसे निकलेंगे। हमें हमेशा कुएँ में ही रहना पड़ेगा।” पहले मेंढक को दूसरे मेंढक की बात सही लगी। इसलिए उसने कुएँ में कूदने का विचार छोड़ दिया और दोनों वहाँ से चल पड़े।

नैतिक शिक्षा : कोई भी काम करने से पहले अच्छी तरह सोच-विचार करना चाहिए।

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लोमड़ी और साँप की कहानी

एक दिन एक लोमड़ी जंगल में घूम रही थी। घूमते-घूमते उसे एक पेड़ के नीचे एक सांप लेटा हुआ मिला। साँप अपना पूरा शरीर लंबा करके लेटा हुआ था। यह एक लंबा साँप था। लोमड़ी वहीं रुक गई और उसे ध्यान से देखा।

फिर वह सोचने लगी, ‘इसका शरीर कितना लंबा है। क्यों न मैं भी अपने शरीर को खींचकर साँप जितना लंबा कर लूँ!’ यह सोचकर लोमड़ी झटपट से साँप की बगल में लेट गई और अपने शरीर को खींचकर लंबा करने लगी। उसने अपने शरीर को पूरी ताकत से खींचा। साँप ने उसे देखा तो बोला, “अरे! यह तुम क्या कर रही हो? शरीर को इस प्रकार खींचने से तुम्हें नुकसान होगा।”

“चुप करो! तुम्हें जलन हो रही है कि कहीं मैं भी तुम्हारी जितनी लंबी हो गई तो तुम्हें कौन पूछेगा!” कहकर लोमड़ी ने अपना शरीर इतना खींचा कि उसका पेट ही फट गया और तत्काल उसकी मौत हो गई।

नैतिक शिक्षा: हमें अनावश्यक रूप से दूसरों की नकल नहीं करनी चाहिए।

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Hindi Story For Class 7 With Moral

टाईगर और बंदर की कहानी

एक समय की बात है, एक जंगल में एक बंदर और एक टाईगर रहते थे। वह दोनों ही जंगल के राजा थे। टाईगर बड़ा भयानक और भयंकर था, जबकि बंदर निरंतर हंसता और खुश रहता था। टाईगर बंदर के प्रति हमेशा अत्यंत गुस्सा भारी रखता था।

एक दिन, जंगल में अचानक एक बड़ा भूखा शेर आया। उसने सोचा, “यह अच्छा मौका है किसी अजीब सा प्यारा सा बंदर खाने का।” टाईगर ने तुरंत उस बंदर की ओर बढ़ते हुए कहा, “अरे बंदर, मैं तुझे अब खा जाऊंगा।”

बंदर डर के बजाय गुस्से से बोला, “रुको रुको, दरने की कोई बात नहीं। मैं तुम्हारे लिए एक महत्वपूर्ण संदेश सुनाना चाहता हूँ।”

टाईगर ने हैरानी से पूछा, “कौन सा संदेश?”

बंदर ने मुस्कराते हुए कहा, “हमें संगठन और सामंजस्य में रहना चाहिए। एक साथ काम करने से हम सभी को मिलता है और हम समस्याओं को आसानी से हल कर सकते हैं। इसलिए, हमें मिलकर रहना चाहिए और एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए।”

टाईगर ने बंदर की बातों को सुनकर सोचा, “यह बंदर सही कह रहा है। मैंने उससे गलती से डर कर ही देखा है।” टाईगर ने बंदर से माफी मांगी और उन दोनों ने मिलकर जंगल की सुरक्षा के लिए मिलकर काम किया।

मोरल शिक्षा : इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि संगठन और सामंजस्य में रहना हमें समस्याओं का सही समाधान निकालने में मदद कर सकता है। सहयोग और समरसता के साथ ही हम सभी मुश्किलें पार कर सकते हैं।

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एक चालाक लोमड़ी की कहानी

एक लोमड़ी बहुत भूखी थी. वह अपनी भूख मिटाने के लिए भोजन की खोज में इधर – उधर घूमने लगी. जब उसे सारे जंगल में भटकने के बाद भी कुछ न मिला तो वह गर्मी और भूख से परेशान होकर एक पेड़ के नीचे बैठ गई।

अचानक उसकी नजर ऊपर गई. पेड़ पर एक कौआ बैठा हुआ था। उसके मुंह में रोटी का एक टुकड़ा था। कौवे को देखकर लोमड़ी के मुँह में पानी भर आया। वह कौवे से रोटी छीनने के उपाय सोचने लगी। तभी उसने कौवे को कहा, ” कौआ भैया! सुना है तुम गीत बहुत अच्छे गाते हो. क्या मुझे गीत नहीं सुनाओगे?

कौआ अपनी प्रशंसा को सुनकर बहुत खुश हुआ. वह लोमड़ी की बातो में आ गया. गाना गाने के लिए उसने जैसे ही अपना मुँह खोला, रोटी का टुकड़ा नीचे गिर गई। लोमड़ी ने झट से वह टुकड़ा उठाया और वहां से भाग गया। अब कौआ अपनी मूर्खता पर पछताने लगा।

नैतिक शिक्षा: यह छोटी-सी कहानी हमें स्पष्ट सन्देश देती है कि हमें हमेशा झूठी प्रसंशा से बचना चाहिए.

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Short Hindi Story For Class 7

गुलाब का पौधा: सपनों को पूरा करने की कहानी

एक समय की बात है, एक गांव में एक छोटा सा लड़का रहता था। उसका नाम राजू था। राजू बहुत ही उत्साही और समझदार था। वह हमेशा नई चीज़ें सीखने के लिए उत्सुक रहता था।

एक दिन, राजू ने सुना कि एक बड़ा मेला गांव के पास आ रहा है। उसने तत्परता से अपने पिताजी से पूछा, “पिताजी, क्या मैं मेला जा सकता हूँ?”

पिता मुस्कराए और बोले, “हाँ, बिल्कुल जा सकते हो। लेकिन संजीदगी में सब कुछ सही से करना।”

राजू बहुत खुश हुआ और मेले के लिए तैयारी करने लगा। मेले में पहुँचकर उसने वहाँ के खुशबू, रंग-बिरंगे चप्पल, खिलौने और अन्य चीज़ों का आनंद लिया।

एक दुकान में उसने एक बड़ी सुंदर गुलाब की पौधी देखी। वह पौधी बहुत ही सुंदर थी, और राजू ने उसे खरीदने का मन बना लिया।

राजू ने दुकानदार से पूछा, “बजट में जगह है, क्या?”

दुकानदार मुस्कराया और उसने कहा, “हाँ, इस पौधी की कीमत तो सिर्फ़ १०० रुपए है।”

राजू ने पैसे देकर गुलाब की पौधी खरीद ली। वह बड़ी खुशी खुशी अपने घर वापस लौटा।

गुलाब की पौधी को देखकर उसकी मां बहुत खुश हुई। वह पौधी उसी दिन से उसके घर की सजावट बन गई। गुलाब की महक उसके घर को सुगंधित कर दी।

राजू ने यह सिखाया कि सपनों को पूरा करने के लिए उत्साह और मेहनत की जरुरत होती है। उसने दिखाया कि छोटे सपने भी बड़े हो सकते हैं जब हमें उन्हें पूरा करने का आत्मविश्वास हो।

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चार मित्र और शिकारी की कहानी

जंगल में हिरण, कौआ, कछुआ और चूहे की गहरी मित्रता थी. एकबार जंगल में शिकारी आया और उस शिकारी ने हिरण को अपने जाल में फंसा लिया. अब बेचारा हिरण असहाय सा जाल में फंसा था उसे लगा कि आज मेरी मृत्यु निश्चित है. इस डर से वह घबराने लगा. तभी उसके मित्र कौए ने ये सब देखा और उसने कछुआ और चूहे को भी हिरण की सहायता के लिए बुला लिया.

कौए ने जाल में फंसे हिरण पर इस तरह चोंच मारना शुरू कर दिया जैसे कौए किसी मृत जानवर की लाश को नोंचकर खाते हैं. अब शिकारी को लगा कि कहीं यह हिरण मर तो नहीं गया.

तभी कछुआ उसके आगे से गुजरा. शिकारी ने सोचा हिरण तो मर गया इस कछुए को ही पकड़ लेता हूँ. यही सोचकर वह कछुए के पीछे पीछे चल दिया. इधर मौका पाते ही चूहे ने हिरण का सारा जाल काट डाला और उसे आजाद कर दिया.

शिकारी कछुए के पीछे- पीछे जा ही रहा था कि तभी कौआ उड़ता हुआ आया और कछुए को अपनी चौंच में दबाकर उड़ाकर ले गया| इस तरह सभी मित्रों ने मिलकर एक दूसरे की जान बचाई.

नैतिक शिक्षा: साथ में मिलकर कार्य करने से कठिन कार्य भी आसान हो जाते हैं.

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Hindi Story For Class 7 Students

एक अंधा भिखारी की कहानी

एक बार एक युवक एक गली से गुजर रहा था, उसने देखा कि एक बूढ़ा व्यक्ति सड़क पर बैठा है और भीख मांग रहा है। बूढ़ा व्यक्ति उसके सामने रखें खाली कटोरे के साथ बैठा था। और उस खाली कटोरे के पास एक कार्डबोर्ड था, कार्डबोर्ड में लिखा था “कृपया अंधे की मदद करें!”

उस युवक ने देखा, बहुत से लोग उस अंधे भिखारी के पास से गुजर रहे थे, फिर भी कोई उसे पैसा नहीं दे रहा था। युवक को बहुत बुरा लगा, कोई भी बूढ़ा व्यक्ति को मदद नहीं कर रहा है। इसीलिए वह उस अंधा भिखारी के पास गया, और अपनी जेब से मार्कर पेन निकाल कर उस कार्डबोर्ड पर कुछ लिखा दिया, फिर अपने रास्ते पर चला गया।

अंधा भिखारी को पता था, कार्डबोर्ड पर कोई कुछ लिख कर गया है, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा, बस कुछ ही मिनटों में यह खाली कटोरा अब पैसा से भर गया था। अंधा भिखारी ने एक अजनबी को रोका और उससे पूछा, कार्डबोर्ड पर क्या लिखा है? अजनबी ने जवाब दिया, “यह एक सुंदर दिन है, तुम देख सकते हो मैं नहीं देख सकता।”

नैतिक शिक्षा : अगर हम सही शब्दों का चयन करते हैं, तो हम लोगों के साथ सही मायने में जुड़ सकते हैं, और उनके विचार बदल सकते हैं।

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चूहा और साधु की कहानी

किसी गाँव में एक साधु रहता था. वह साधु एक मंदिर में रहता था और लोगों की सेवा करता था. भिक्षा मांगकर जो कुछ भी उसे मिलता वह उसे उन लोगों को दान कर देता जो मंदिर साफ़ करने में उसका सहयोग करते थे.उस मंदिर में एक चूहा भी रहता था. वह चूहा अक्सर उस साधु का रखा हुआ अन्न खा जाता था. साधु ने चूहे को कई बार भगाने की कोशिश की लेकिन वह चकमा देकर छिप जाता.

साधु ने उस चूहे को पकड़ने की काफी कोशिश की लेकिन वह हरबार असफल रहता. साधु एकदिन परेशान होकर अपने एक मित्र के पास गया. उसके मित्र ने उसे एक योजना बताई कि चूहे ने मंदिर में अपना कहीं बिल बना रखा होगा और वह वहां अपना सारा खाना जमा करता होगा. अगर उसके बिल तक पहुंचकर सारा खाना निकाल लिया जाए तो चूहा खुद ही कमजोर होकर मर जाएगा.

अब साधु और उसके मित्र ने जहाँ तहाँ बिल खोजना शुरू कर दिया. अंततः उनको बिल मिल ही गया जिसमें चूहे ने खूब सारा अन्न चुराकर इकठ्ठा कर रखा था. बिल खोदकर सारा अन्न बाहर निकाल दिया गया. अब चूहे को खाना नहीं मिला तो वह कमजोर हो गया और साधु ने अपनी छड़ी से कमजोर चूहे पर हमला किया. अब चूहा डर कर भाग खड़ा हुआ और फिर कभी मंदिर में नहीं आया.

नैतिक शिक्षा: अपने शत्रु को हराना है तो पहले उसकी शक्तियों पर हमला कर दो. शक्तियां खत्म तो शत्रु स्वयं कमजोर पड़ जाएगा.

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निष्कर्ष

अंत में, Hindi story for Class 7 students भाषा कौशल विकसित करने और पढ़ने और लिखने के प्रति प्रेम को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण और मूल्यवान उपकरण है। अपनी सरल भाषा और आकर्षक विषयों के साथ, ये कहानियाँ उन युवा शिक्षार्थियों के लिए बिल्कुल उपयुक्त हैं जो अभी हिंदी की दुनिया की खोज शुरू कर रहे हैं।

चाहे वे ‘लालची सियार’ जैसी क्लासिक कहानियों की खोज कर रहे हों या अपनी कल्पनाओं में नए रोमांच की खोज कर रहे हों, कक्षा 7 के छात्रों को Hindi में कहानियों के माध्यम से बढ़ने और सीखने के कई अवसर मिलेंगे। जैसे ही आप इस ब्लॉग पोस्ट के अंत तक पहुँचते हैं, मुझे आशा है कि आप इस रोमांचक और मनोरम शैली में खोज की अपनी यात्रा शुरू करने के लिए प्रेरित और प्रेरित महसूस करेंगे। पढ़ने के लिए आपका शुक्रिया!

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Ankita Tiwari की जीवनी: मेरा नाम Ankita Tiwari है और मैं एक रुचिकर व्यक्ति हूँ जो हिंदी साहित्य, कविता, और कहानियों के क्षेत्र में रूचि रखती हूँ। मैं अपने ब्लॉग Gktrickhindi.in पर अपनी एवं पर्सिद वक्तियो रचनाएँ साझा करती हूँ ताकि लोग इससे प्रासंगिक और मनोहर ज्ञान प्राप्त कर सकें। मेरी शिक्षा का क्षेत्र 2012 में आर्ट्स में स्नातक किया गया था, और मैंने इस योग्यता को हाजीपुर, बिहार स्थित 'RN College' से प्राप्त की थी। इस समय से मैंने अपनी रचनाएँ साझा करने का कार्य शुरू किया है और इसके माध्यम से भाषा, साहित्य, और सांस्कृतिक बातचीत को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही हूँ। मुझे कहानी लिखने और पढ़ने में बहुत मजा आता है, और मैं इसे अपनी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानती हूँ। मैं यहाँ तक कि हिंदी साहित्य को बढ़ावा देने के लिए उत्सुक हूँ और लोगों को इस क्षेत्र में रुचि लेने के लिए प्रेरित करना चाहती हूँ। धन्यवाद।

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