Poem about not talking: नमस्कार, आज के इस आर्टिकल में हम आपके लिए याद कविता और आकर्षक बात नहीं करने की कविता हिंदी में लेकर आये हैं।
ऐसी कई वेबसाइटें हैं जहां आप हिंदी में कविताएं पा सकते हैं, यहां आपको कई तरह की बात नहीं करने की कविता मिलेंगी। यह हिंदी कविता मैंने आपके लिए लिखी है, मैंने यह पोस्ट आपके लिए तैयार की है, आप आसानी से पढ़ सकते हैं।
Poem about not talking
चुप रहना, बोलना नहीं,
बातों की छाया में, दिल ढूँढ़े नहीं।
सब कुछ कहता है, ये सन्नाटा,
शब्दों के बिना, भावनाओं का पता।
आँखों में छुपी कहानी,
बिना शब्दों के, सच्चाई की कहानी।
गूंथी हुई राज़ों की बातें,
होती हैं कहीं, बिना कहे बातें।
धुंआ में लपटे, अनगिनत ख्वाब,
बोलते नहीं, पर सब कुछ है यहाँ।
गुमनामी का है एक अलग हसरत,
समझते हैं, बस वे जिन्हें बोलते नहीं।
बोल के भी, कहानी है अनगिनत,
मेरी जुबान ने, भी कही बातें।
चुप रहना, एक कला है अपनी,
शब्दों की मेल, है भावनाओं की कहानी।
“Poem about not talking”
Poem about not talking in Hindi
सब कुछ कहा जाता है, मगर सुना नहीं,
शब्दों की जुबान से, दिल की बातें कही नहीं।
आँखों की चमक, एक कहानी कहती है,
बिना बोले, सब हकीकत बयां करती है।
चुपचाप रातों में, सितारों की बातें,
बिना शब्दों के, ख्वाबों की मुलाकातें।
हवा के साथ खेलते हैं विचार,
बोलते नहीं, मगर सब कुछ है यहाँ यहाँ।
जज्बातों का मेल, होता है एक राज,
बोलते नहीं, मगर समझते हैं आपस में बात।
जीवन की यह राह, है अनगिनत कहानी,
बोलते नहीं, पर हर कदम पर है सच्चाई।
चुप रहना, एक अलग हसरत है,
बोलते नहीं, मगर सब कुछ है सही।
“Poem about not talking”
बात नहीं करने की कविता हिंदी में
बातें रुकी हैं, समय ठहरा है,
आँखों में छुपी हैं कहानियाँ बहुत सारी।
शब्दों की बहार में, बैठा हूँ खामोशी में,
दिल की धड़कनें सुनता हूँ, सिर्फ ख्वाबों में।
बैठा हूँ कोने में, सोचता हूँ अपना,
बातों का तंत्र टूटा, हैरान हूँ मैं।
बोलना था कुछ, मगर होठों पे रुका,
ज़िन्दगी की बहुत सी कहानियाँ, अब रखी हैं छुपा।
आँधीयों के साथ, हवा बदल गई है,
शब्दों की बहुती हवा, अब बातें बन गईं हैं।
कभी-कभी सूझता है, कुछ कहना चाहिए,
मगर फिर सोचता हूँ, बातें क्या करें हैं।
सब कुछ कह गया, मगर बातें रुकी हैं,
एक खामोशी का मौन, दिल में बसी है ज़िन्दगी की कहानी।
“Poem about not talking”
चुप हूँ, बेहद खामोश हूँ कविता
चुप हूँ, बेहद खामोश हूँ,
बातें होती नहीं, बस रुका हूँ।
दिल के अंदर, छुपा दर्द है,
शब्दों की जगह, आँखों में आसूं हैं।
सोचता हूँ कभी-कभी, क्यों बोलूं,
जवाब तो है, मगर बातें रोकी हूँ।
ख्वाबों की दुनिया, बनी है मेरी,
ज़िंदगी की कहानी, सपनों में रूकी हूँ।
रातें लम्बी, बिना बातों के गुजरी,
सिर्फ अपनी सोचों में, खोया हूँ मैं।
कहानियों का सफर, बहुत दूर तक,
मगर आज भी, मैं एक सवाल पूछा हूँ।
बातें क्यों रुकी हैं, क्यों खामोशी है,
मेरी ज़िंदगी की ये अजीब सी कहानी है।
“Poem about not talking”
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